दंगे ने लगा दिया भाईचारा को पलीता
बागपत : पिछले साल ठीक इसी माह हुए सांप्रदायिक दंगे में बिछड़े हिंदू और मुस्लिमों के दिल आज तक नहीं मिल सके हैं। दोनों समुदाय के बीच मनमुटाव इतना पैदा हो गया है कि आज भी छोटी-छोटी बातों को लेकर आमने-सामने होते रहते हैं। इससे पुलिस-प्रशासन को खासी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।
मुजफ्फरनगर जनपद में हुआ सांप्रदायिक दंगा बागपत में भी हिंदू और मुस्लिमों के बीच गहरी खाई खोद गया है। दंगे और उसके बाद एक नहीं कितनी ही ऐसी घटनाएं हुई, जिनमें दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए और पुलिस को बीच-बचाव कराकर मामला शांत कराना पड़ा। दावे कुछ भी किए जाते हों, लेकिन हकीकत यही है कि आज भी दोनों समुदाय के बीच एक-दूसरे के प्रति नफरत भरी हुई है। कुछ लोग दोनों समुदाय के बीच में और भी ज्यादा गहरी खाई खोदने का काम कर रहे हैं। मीतली गांव में धार्मिक स्थल के बाहर मांस फेंकने का मामला रहा हो या बागपत नगर में भड़काऊ पर्चे फेंकने का। सिंगौली तगा गांव में धार्मिक स्थल पर लाऊडस्पीकर लगाने को लेकर भी दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने हो गए थे। पुलिस-प्रशासन दोनों समुदाय के बीच पटी गहरी खाई को भरने का काम आए दिन शांति समिति की बैठक, रैली आदि निकालकर कर रहा है, लेकिन ऐस लगता है कि मुजफ्फरनगर दंगे की भरपाई होने में सालों लगेंगे।