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कभी न आए ऐसा 'खूनी' माह

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 02:14 AM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 02:14 AM (IST)
कभी न आए ऐसा 'खूनी' माह

राजीव पंडित, बागपत

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हे राम! बस बहुत हुआ। अब ऐसा खूनी माह कभी न आए जैसा अगस्त रहा। माह की शुरुआत ट्योढ़ी में हुए दोहरे हत्याकांड से हुई और अंत रुस्तमपुर में बाप-बेटे के खून से हुआ। हर दूसरे दिन पुलिस को मर्डर की वारदात से रू-ब-रू होना पड़ा। इस दौरान कई घरों में मातम छाया रहा तो कई को जिंदगी भर न भरने वाले जख्म मिल गए। कई गांवों में तो खूनी रंजिश की नींव ही रखी गई।

जनपद के 17 साल के इतिहास में शायद यह पहला अगस्त ऐसा रहा है जिसमें हर दूसरे दिन किसी न किसी का कत्ल होता रहा और हत्याओं का ग्राफ 21 तक जा पहुंचा। ट्योढ़ी, रठौड़ा और रुस्तमपुर गांव तो में हद ही हो गई। एक-एक साथ दो-दो लोगों को बहशी ढंग से मारा गया। कई लोगों को तो इतनी गोलियां मारी गई कि पोस्टमार्टम के दौरान गोली ढूंढे ही नहीं मिली और एक्सरे तक का सहारा लेना पड़ा। ट्योढ़ी में परमवीर और रठौड़ा में मनीष ने अपने दुश्मनों को घर में घुसकर मारा।

रठौड़ा, बावली, खट्टा प्रह्लादपुर, सिनौली, हलालपुर गांव ऐसे हैं, जिनमें खूनी रंजिश की नींव रखी गई। जिसका परिणाम पीढ़ी-दर-पीढ़ी भुगतेंगी। इसी मारममार में दो महिलाओं को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। गांगनौली गांव में कुख्यात प्रमोद ने एक ही परिवार में पांचवां कत्ल कर लखनऊ तक की पुलिस को खुली चुनौती दे डाली। इन तमाम वारदातों के बीच कई ऐसे भी लोग रहे हैं, जिन पर मौत ने भले ही रहम खा लिया हो, लेकिन ताउम्र उनको ये जख्म सालते ही रहेंगे।

इन्होंने कहा..

हां यह बात सही है कि अगस्त में दूसरे महीनों की अपेक्षा बहुत आपराधिक वारदातें हुईं, लेकिन ज्यादातर घटनाएं रंजिश को लेकर हुई हैं। कई घटनाओं में आरोपियों को पकड़ लिया गया और अन्य में प्रयास जारी है।

-जेके शाही, एसपी बागपत।

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अगस्त में हत्या की वारदातें

-ट्योढ़ी में प्रभारी सब रजिस्ट्रार रामकिशोर व राजवीर की हत्या।

-चांदीनगर थाना क्षेत्र में रटौल के पास सर्राफ चांद मियां की हत्या।

-गांगनौली गांव में कुख्यात प्रमोद ने पप्पू को मौत के घाट उतारा।

-खेकड़ा में किसान श्रीपाल की धारदार हथियारों से हत्या।

-खट्टा प्रहलादपुर गांव में सतेंद्र का कत्ल।

-सलावतपुर खेड़ी गांव में किसान को जहर देकर मार डाला।

-छपरौली कस्बे में घर में सो रहे सतवीर को उसके बेटे ने मार दिया।

-शबगा गांव में कोताना के उमेर की हत्या।

-सिनौली गांव में देवदास की गोली मारकर हत्या।

-बड़ौत में गीता को उसके ही पति ने गोली मार मौत की नींद सुला दी।

-संतोषपुर-नौरोजपुर रोड पर सेल्समैन अब्बास की गला रेतकर हत्या।

-हलालपुर गांव में रविंद्र को यूपी पुलिस के सिपाही ने मारा डाला।

-रठौड़ा गांव में कुख्यात मनीष ने मुकेश और उसके भाई मोनू को मारा।

-बड़ौत के बिजरौल रोड पर सुसराल वालों ने बहू पूजा को मार दिया।

-बागपत के नशा मुक्ति केंद्र पर उपचार करा रहे फिरोज की हत्या।

-बागपत के पास अग्रवाल मंडी टटीरी के ढोलकिया संतोष की हत्या।

-नंगला जाफराबाद के जंगल में युवक की हत्या कर शव फेंका।

-रुस्तमपुर गांव में वीरसैन और उनके बेटे बिजेंद्र को मार डाला।


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