मैं तो झूला झूलन आयी रे सखी तेरे द्वार
लोकगीतों के बीच पारंपरिक तरीके से मनाया गया तीज का त्योहार
महिलाओं ने गोमाता को लगाया हलवा-पूरी का भोग
संवाद सहयोगी, बागपत : मैं तो झूला झूलन आयी रे सखी तेरे द्वार पे..घर में तो मोरे पिया मारे फटकार रे..। हरियाली तीज पर पेड़ों की डाल पर लटके झूले और उन पर मदमस्त होकर श्रावण के गीत गातीं महिलाएं और युवतियां, हरियाली तीज उत्सव को मनमोहक बना रही थीं। पर्व के अवसर पर दिनभर श्रावण के गीतों की फुहार उड़ती रही।
बुधवार को जिले में हरियाली तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। घरों में हलवा-पूरी बनाकर गोमाता को भोग लगाया गया। नगर के जैन मोहल्ला, मुन्नालाल एनक्लेव, हनुमान मंदिर गली और गायत्रीपुरम आदि मोहल्ले में पेड़ों की डाल पर झूले डालकर महिलाओं और युवतियों ने हरियाली तीज का त्योहार मनाया।
लोकगीतों के बीच झूले पर बढ़ती पींगे, हर किसी को जश्न मनाने के लिए बरबस अपनी ओर खींच रही थी। महिलाओं व युवतियों के साथ-साथ बच्चों ने भी झूला झूलकर हरियाली तीज मनाई। महिलाओं ने व्रत रखकर शाम के समय शुद्ध वस्त्र धारण कर पार्वती और शिव की मिट्टी की प्रतिमा का विधि-विधान से पूजन कर प्रसाद वितरण किया।