धोखाधड़ी कर बैंक अधिकारियों ने लाखों डकारे
खेकड़ा : बरनावा की एक बैंक शाखा में धोखाधड़ी से लोन स्वीकृत कराने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि रटौल की एक बैंक शाखा में बैंक अधिकारियों पर ही धोखाधड़ी कर साढ़े छह लाख रुपये हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित पक्ष की ओर से दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पूरनपुर नवादा निवासी भीष्म शर्मा पुत्र खजान सिंह ने थाने में दी तहरीर में बताया कि उसने अपनी जमीन बेचकर 12 लाख रुपये की एफडी सिंडिकेट बैंक की रटौल स्थित शाखा में 21 अगस्त 2006 में कराई थी। इसके बाद बैंक की ओर से 75 प्रतिशत के आधार पर उसकी लिमिट बना दी, जिसके सापेक्ष उसे लाल रंग की चेक बुक संख्या 1007 जारी कर दी। उसने कहा कि कुछ समय बाद उसने अपनी एफडी पर बतौर लोन आठ लाख रुपये निकाल लिए। आरोप है कि शाखा प्रबंधक और सहायक प्रबंधक ने धोखाधड़ी से उसके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पीले रंग के फर्जी चेक से बाकी रुपये निकाल कर एफडी समाप्त कर दी। इसका पता उसे तब लगा जब वह एफडी पूरी होने के बाद शेष रुपये करीब साढे़ छह लाख रुपये लेने गया। एफडी समाप्त किए जाने की शिकायत उसने मेरठ क्षेत्रीय शाखा प्रबंधक व अन्य अधिकारियों से की। जिस पर अधिकारियों ने संज्ञान लेकर पीड़ित पक्ष की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की। एसपी के निर्देश पर पीड़ित पक्ष की तहरीर पर थाने में तत्कालीन शाखा प्रबंधक रमेश चंद व तत्कालीन सहायक मैनेजर भगत सिंह तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि आरोपी रमेश चंद वर्तमान में हरियाणा के पटौदी और भगत सिंह तोमर देहरादून कैंट की सिंडिकेट बैंक शाखा में तैनात है। एसओ जीपी सिंह ने बताया कि मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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इस तरह का मामला घोर अपराध की श्रेणी में आता है, अगर पीडि़त के पास रसीद है तो क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ इस संबंध में कार्रवाई कर सकता है। मेरे स्तर पर इस संबंध में कार्रवाई नहीं हो सकती।
- कविराज पाणिग्रही, अग्रणी बैंक मैनेजर सिंडिकेट, बागपत