दो लोगों पर टिकीं सीबीआइ की निगाहें
बदायूं : कटरा सआदतगंज कांड में सीबीआइ की जांच अब तह के करीब पहुंच गई है। एजेंसी ने निर्धारित अवधि में भले ही चार्जशीट नहीं दाखिल की, लेकिन अब तक जो सुबूत जुटाए गए हैं, उनसे काफी कुछ तस्वीर साफ होती जा रही है। इस पूरे मामले में सीबीआइ की जांच दो ऐसे लोगों पर आकर टिक गई है, जो पीड़ित परिवार के तो नहीं हैं फिर भी उनका परिवार से गहरा ताल्लुक है। सीबीआइ कई दौर में उन दोनों लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है। अब उन्हीं के विरोधाभासी बयानों व सुबूतों को सामने रखकर पुन: पूछताछ की जा सकती है।
कटरा सआदतगंज में दो किशोरियों के साथ कथित दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने वारदात से जुड़ी कड़ियों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। पोलीग्राफ व अन्य टेस्टों में आरोपी पक्ष की पाजिटिव व पीड़ित पक्ष की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही जांच की दिशा बिल्कुल घूम गई। हालाकि वह रिपोर्ट अप्रत्याशित जैसी नहीं थी, क्योंकि एसआइटी और सीबीआइ की प्रारंभिक दौर की जांच व पूछताछ में ऐसे संकेत उभर चुके थे। सिर्फ कुछ बातों को लेकर भ्रम था, जो टेस्ट रिपोर्ट के बाद दूर हो गया। डीएनए टेस्ट जरूर चौंकाने वाला रहा, जिसमें यह बात स्पष्ट सामने आई कि दोनों किशोरियों के साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं था। इसके बाद एजेंसी ने कुछ और बिखरी कड़ियां जोड़ने की कोशिश की तो जांच की सुई दो लोगों पर टिक गई। गौरतलब है कि यह दोनों लोगों पीड़ित परिवार के नहीं हैं। सीबीआइ को यह पक्का यकीन है कि इन दोनों के पास ही वारदात का पूरा राज है। इन दोनों का नाम वारदात वाले दिन भी प्रमुखता से सामने आया था, लेकिन अलग भूमिका में। सीबीआइ इस बात को लेकर छानबीन कर रही है कि जब मुख्य आरोपी के साथ दोनों लड़कियों को देखा गया तो सब जगह सिर्फ बदमाश आने की क्यों सूचना दी गई। अब तक की छानबीन में सीबीआइ को यह भी आशंका है कि वारदात में गांव के ही लोग शामिल हैं। हालाकि सीबीआइ अभी भी पीड़ित पक्ष के बयान के आधार पर आरोपी पक्ष के भी दूसरे गांवों में रहने वाले करीबी रिश्तेदारों पर नजर रखे हुए हैं।