दुग्ध विकास में हेराफेरी, कमेटी करेगी जांच
बदायूं : जिला योजना समिति की बैठक में गहमागहमी के बीच एक अरब 70 करोड़ 88 लाख बजट पास हो गया। दुग्ध विकास के बजट पर चर्चा शुरू होते ही पराग डेयरी के जीएम पर जन प्रतिनिधियों का चौतरफा हमला हो गया। तय हुआ कि जिला पंचायत अध्यक्ष, दो विधायक, एक एमएलसी, डीएम और सीडीओ की कमेटी मामले की जांच करेगी। जिला अस्पताल में दलाली का मुद्दा उठने पर दलालों के खिलाफ खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का का आदेश हुआ।
जिले के प्रभारी मंत्री रामकरन आर्य की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन में बैठक हुई। इसमें वर्ष 2014-15 के लिए एक अरब 70 करोड़ 88 लाख बजट प्रस्तुत किया गया। विभागवार बजट पेश करते वक्त समीक्षा भी हो रही थी। यूं तो हर विभाग के अधिकारियों की खिंचाई हो रही थी, लेकिन जब दुग्ध विकास विभाग के अधिकारी खड़े हुए तो जनप्रतिनिधियों ने चारों तरफ से सवालों की बौछार कर दी। किसानों का दो करोड़ रुपये बकाया समेत विधायक आशुतोष मौर्य, आशीष यादव, एमएलसी बनवारी सिंह, सुरेश पाल सिंह चौहान के सवाल किया।जनप्रतिनिधियों ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के लिए कभी 1400 सोसाइटियां चल रही थीं जो आज सिमटकर 20 रह गई हैं। पराग के दूध का कारोबार जो एक लाख 15 हजार लीटर था वह घट कर 50 हजार लीटर रह गया है। समितियों का करोड़ों का बकाया है।
प्रभारी मंत्री की सहमति से जिला पंचायत अध्यक्ष, दो विधायक, एक एमएलसी, डीएम और सीडीओ की कमेटी जांच और समीक्षा करके फैसला करने का निर्णय लिया गया। प्रभारी मंत्री ने एक सप्ताह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव ने जिले में एक वृद्ध आश्रम बनाने का सुझाव दिया। सदर विधायक दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने जिला अस्पताल में दलाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने खुद चेक कर दलाल पकड़े थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर प्रभारी मंत्री ने दलालों पर एफआइआर कराकर जेल भिजवाने के निर्देश दिए। आबिद रजा ने सागर ताल पर फुटपाथ, बड़ी व छोटी ज्यारत पर पार्क व गेस्ट हाउस बनवाने का सुझाव दिया।
बैठक में एमएलसी व दर्जा राज्यमंत्री बनवारी सिंह यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव, सदर विधायक व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा, विधायक ओमकार सिंह यादव, आशुतोष मौर्य, हाजी बिट्टन, सिनोद शाक्य, आशीष यादव, डीएम शंभूनाथ, सीडीओ उदयराज सिंह, एडीएम वित्त राजेंद्र प्रसाद यादव, पीडी डीआरडीए रामरक्षपाल सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी योगेंद्र यादव, जिला विकास अधिकारी प्रदीप यादव, सुरेश पाल सिंह चौहान, अवधेश यादव, विपिन यादव, राहुल चौहान, बलबीर सिंह यादव आदि थे।
किस विभाग को कितना बजट
कृषि विकास के लिए 6 करोड़ 87 लाख 32 हजार रुपये, ग्राम्य विकास के लिए 42 करोड़ 86 लाख 94 हजार रुपये, सिंचाई के लिए 4 करोड़ 74 लाख, सड़क एवं पुल के लिए 56 करोड़ 72 लाख के बजट का अनुमोदन किया गया। शिक्षा के मद में 19 करोड़ 94 लाख, चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य के लिए 6 करोड़ 47 लाख, जल संपूर्ति एवं स्वच्छता के लिए 9 करोड़ 69 लाख, कल्याणकारी योजनाओं के लिए 21 करोड़ 25 लाख तथा अन्य कार्यक्रमों के लिए 23 करोड़ रुपये के बजट का अनुमोदन किया गया। इसमें सूर्य कुण्ड को पर्यटन के रूप में विकसित करने का भी मसौदा पेश किया गया।
अब जुमा के दिन नहीं होगी बैठक
जिला योजना की बैठक शुरू होने से पहले ही सदर विधायक दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने मुद्दा उठाया कि शुक्रवार को होने वाली विशेष नमाज को देखते हुए महत्वपूर्ण बैठकें इस दिन न की जाएं। इस पर सर्व सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आगे से जुमा के दिन बैठक नहीं बुलाई जाएगी।
प्रमुख प्रस्ताव ..
- 1500 इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाए जाएंगे
- 1500 हैंडपंपों का कराया जाएगा रिबोर
- 4598 लोहिया आवासों का कराया जाएगा निर्माण
- दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की होगी स्थापना
- चार रोगी आसरा स्थलों का कराया जाएगा निर्माण
- शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 5-5 आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पताल बनेंगे
- दो होम्योपैथिक चिकित्सालयों की होगी स्थापना
- लोहिया गांवों में 20.02 किमी सीसी रोड का निर्माण
- सूर्य कुंड का पर्यटन स्थल के रूप में किया जाएगा विकास
- बुर्रा फरीदपुर मंदिर, सरसोता का होगा सौंदर्यीकरण
सवाल पर सवाल, अफसरों को नहीं सूझ रहे थे जवाब
बैठक शुरू होते ही जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव समेत अधिकांश सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया कि पिछली बैठक में कहा गया था कि अधिकारी विकास कार्यो की प्रगति रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध कराते रहेंगे, लेकिन आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं किया गया।
लघु सिंचाई विभाग के बजट की चर्चा हुई तो विधायक ओमकार सिंह, आशुतोष मौर्य समेत कई सदस्यों ने बंद पड़े नलकूपों, रिबोर की स्थिति पर विभाग के अभियंता की जमकर खिंचाई की। पशुपालन विभाग का नंबर आते ही दर्जा राज्यमंत्री बनवारी सिंह और आबिद रजा, एमएलसी जितेंद्र यादव ने शहर के पशु अस्पताल को सफेद हाथी बताते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को आड़े हाथों लिया। सहसवान विधायक के पूछने पर उन्होंने बताया कि सहसवान पशु अस्पताल के लिए धन मंजूर हो गया है। वह यह कहकर छूटे कि व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी। हां, कुछ विधायकों ने उन्हें वाहन खरीदने का प्रस्ताव करने का भी सुझाव दिया।
वन विभाग के बजट का नंबर आया तो सदस्यों ने डीएफओ से पौधारोपण से जुड़े सवाल पूछने शुरू कर दिए। डीएफओ ने किसी के सवाल का गरम लहजे में जवाब दिया तो सदन के कई वरिष्ठ सदस्यों ने माइंड योर लैंगवेज कहकर रोका। बिल्सी विधायक हाजी मसर्रत अली बिट्टन ने कहा कि लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अभियंता तो फोन ही नहीं उठाते। उनके क्षेत्र में तीन सड़कों का निर्माण होना है, लेकिन उन पर पत्थर डालकर छोड़ दिया गया है। अभियंता ने सफाई देने की कोशिश की, लेकिन डीएम शंभूनाथ ने भविष्य में सुधार करने के निर्देश देते हुए बैठाया। एक-एक कर हर विभाग के अधिकारियों पर सवालों की बौछार की गई, यह बात दीगर रही कि जन प्रतिनिधि कुछ चहेते अधिकारियों का बचाव भी करते दिखाई दिए।
दर्जा राज्यमंत्री ने जिपंअ से पूछी उनकी पार्टी
गहमागहमी के माहौल में जहां अधिकारी और जन प्रतिनिधि आमने-सामने रहे, वहीं जन प्रतिनिधि भी आमने-सामने हुए। दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम यादव से सवाल किया कि आपकी पार्टी कौन सी है। पूनम यादव ने खुद को बसपाई बताया। यह भी कहा कि इस समय पार्टी की हैसियत से नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष की हैसियत से पूरे जिले के विकास के लिए यहां आई हैं। हालांकि यह बात हंसी-ठिठोली में निकल गई।
..जब माननीय एक अफसर के तबादले पर देने लगे जोर
दुग्ध विकास विभाग पर किसानों का दो करोड़ बकाया होने के मुद्दे पर चल रही बहस के दौरान कुछ सदस्य विभाग के अधिकारी की योग्यता पर सवाल उठा रहे थे। इसी बीच एक माननीय ने अधिकारी का तबादला करने की बात कह डाली। हालांकि इसी बीच प्रभारी मंत्री खड़े हुए और सभी को सदन की मर्यादा और उद्देश्य समझाते हुए कहा कि मकसद बजट का अनुमोदन करना है।
निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को लेकर हुई गहमागहमी
निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष और सपा के कुछ विधायकों के बीच गहमागहमी का माहौल भी बना। जिला पंचायत अध्यक्ष ने यह कहते हुए सवाल उठाया था कि जिला पंचायत से प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं की गई। इसी बीच निर्माण कार्यो की गुणवत्ता पर आवाज उठनी शुरू हुई तो जिला पंचायत के सभी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि इस समय जिला पंचायत की गुणवत्ता सबसे अच्छी है।