बिजली की रोशनी से अछूते रावतपुर के बा¨शदे
बदायूं : उसावां विकास क्षेत्र का गांव रावतपुर इस बार भी बिजली की रोशनी से अछूता रह गया जबकि विधान
बदायूं : उसावां विकास क्षेत्र का गांव रावतपुर इस बार भी बिजली की रोशनी से अछूता रह गया जबकि विधान सभा के गत पांच वर्षीय सत्र में क्षेत्र में दर्जनों गांव बिजली की दूधिया रोशनी से जगमगा रहे हैं। बिजली के अभाव में मजबूरन यहां के ग्रामीणों को बिजली से संबंधित छोटे-छोटे कार्यो के लिए कस्बे कस्बे के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इससे समय और धन की अनावश्यक क्षति होती है।
चुनावों के दौरान लोगों को गांव बिजली से जोड़ने के हवाई ख्वाब दिखाए गए लेकिन जनप्रतिनिधि बनने के बाद किसी ने मुड़कर नहीं देखा। यही वजह है दो हजार की आबादी वाले इस गांव के बा¨शदों को आज तक बिजली का सुख नसीब नहीं हुआ। मजबूरन यहां के ग्रामीण आज भी गेहूं पिसवाने, मोबाइल चार्ज करने, बैट्री चार्ज करने और बिजली से जुड़े अन्य कामों के लिए उसावां के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। छात्र-छात्राओं को भी अध्ययन भी लैंप और दीपक के सहारे हैं। इनसे निकला धुआं और कम प्रकाश आंखों की रोशनी पर विपरीत प्रभाव डालता है और नेत्रजनित रोगों को भी बढ़ावा देता है। ऐसे में लोग फ्रिज, टीबी, कूलर, इस्त्री, वा¨शग मशीन और अन्य उपयोगी उपकरणों का उपभोग करने में असमर्थ हैं। इस बार यहां के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि के रूप में सत्ता सुख भोग चुके लोगों को चुनाव हराने का मन बना लिया है। यहां के रामकिशोर का कहना है कि इस बार किसी नए प्रत्यासी को अवसर देंगे।जिससे गांव का विकास हो सके। शीशराम का कहना है कि अब जातिवाद और धर्म की राजनीति करने के बजाय विकास की राजनीति करने वाले को सदन भेजेंगे। जिससे कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो मयस्सर हो सकें।