ई-बैंकिंग है तो रुपये गिनने की टेंशन नहीं
बदायूं : वैसे तो ई-बैंकिंग के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुन रखा है, जानते भी हैं ¨कतु झिझक के कारण
बदायूं : वैसे तो ई-बैंकिंग के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुन रखा है, जानते भी हैं ¨कतु झिझक के कारण इसका प्रयोग नहीं करते, हमें आशंका रहती है कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो जाए और आर्थिक नुकसान न हो जाए। इस झिझक और संकोच को मन से निकालने की जरूरत है। जब हम इसे व्यवहार में लाना शुरू कर देंगे तो ई-बै¨कग हमें बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगी। ई-बैंकिंग से लेन देन आसान हो जाएगा और रुपये गिनने की भी टेंशन नहीं होगी।
केदारनाथ महिला इंटर कॉलेज में छात्राओं को यह सबक एमएमएसएएन दास पीजी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डा.शैलेंद्र कबीर ने दिया।
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित ई-बैं¨कग पाठशाला में डॉ.कबीर ने इंटरमीडिएट की छात्राओं को ई-बैं¨कग का महत्व समझाते हुए कहा कि इसका उपयोग बहुत ही सरल और आसान है। ई-बैं¨कग अपनाकर बहुत सारी समस्याओं और परेशानियों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि ई-बैं¨कग शुरू करने के लिए बैंक खाता होना जरूरी है। अगर बैंक में खाता है तो आवेदन करके सीधे इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। अब बाजारों में भी डेबिट कार्ड और एटीएम कार्ड से भुगतान होने लगा है। इस तरीके से भुगतान करने में कहीं छुट्टे की भी दिक्कत नहीं आ रही है। पेटीएम जैसे एप डाउनलोड करके भुगतान बड़ी आसानी से किए जा सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग से आनलाइन खरीदारी करके समय की बचत और अनावश्यक परेशानी से बचा जा सकता। देश के जागरूक नागरिक होने का प्रमाण देते हुए स्वयं भी ई-बै¨कग अपनाएं और दूसरों को को भी प्रेरित करें। छात्राओं की जिज्ञासा शांत करते हुए उनके सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने बताया कि ई-बैं¨कग से कहीं ठगने का डर नहीं रहेगा और दुकानदारों को भी पूरा टैक्स जमा करना पड़ेगा। टैक्स से ही देश की अर्थ व्यवस्था चलती है, इसी तरह से एकत्रित बजट विकास कार्यों में लगाया जाता है। ई-बैं¨कग से व्यवस्था पारदर्शी होगी और तमाम समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। प्रधानाचार्या डा.अमलेश गुप्ता ने दैनिक जागरण की पहल की सराहना करते हुए छात्राओं को प्रेरित किया। कहा कि खुद भी ई-बैं¨कग करें और परिवार के लोगों को भी प्रेरित करें।