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दस दिन मस्जिद में रहकर करेंगे इबादत

बदायूं : माह ए रमजान शरीफ का तीसरा असरा मगफिरत का शुरू होते ही एक बुजुर्ग बाबा सलीम मियां जामा मस्जि

By Edited By: Published: Mon, 27 Jun 2016 02:04 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2016 02:04 AM (IST)
दस दिन मस्जिद में रहकर करेंगे इबादत

बदायूं : माह ए रमजान शरीफ का तीसरा असरा मगफिरत का शुरू होते ही एक बुजुर्ग बाबा सलीम मियां जामा मस्जिद में एतकाफ पर बैठ गए हैं। वह दस दिन तक यानी ईद के चांद के दीदार तक मस्जिद में रहकर ही इबादत और तिलावत करेंगे। मगफिरत के पूरे असरे में वह दुनियावी चीजों से खुद को अलग रखकर बस खुदा की इबादत में मशगूल रहेंगे। रमजान के तीसरा असरा, मगफिरत का होता है। लिहाजा इस दौरान तमाम खताओं से माफी की दुआ की जाती है। इस पूरे सफर में रोजदार नमाज और कुरआन ए पाक की तिलावत कर माफी मांगेंगे। अपने साथ अपने परिवार और नाते रिश्तेदारों की मगफिरत की भी दुआ करेंगे। इसी उम्मीद के साथ बाबा सलीम मियां एतकाफ पर बैठे हैं। वह रोजा इफ्तार और सहरी भी मस्जिद में ही करेंगे। एतकाफ के दरम्यान किसी से बात भी नहीं करेंगे। वह कई सालों से एतकाफ करते आ रहे हैं।

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