Move to Jagran APP

आइआरएनएसएस में मिक्कू की भी मेहनत

बदायूं : इंडियन रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आइआरएनएसएस 1जी) की कामयाबी में बदायूं के लाल सत्यपा

By Edited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 11:59 PM (IST)
आइआरएनएसएस में मिक्कू की भी मेहनत

बदायूं : इंडियन रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम (आइआरएनएसएस 1जी) की कामयाबी में बदायूं के लाल सत्यपाल अरोरा उर्फ मिक्कू ने अपना शत प्रतिशत योगदान दिया है। सेटेलाइट के क्षेत्र में देश की इस सफलता पर रुहेलखंड भी अपने योगदान पर फूला नहीं समा रहा। सेटेलाइट पीएसएलवी की बात हो या मार्स सेटेलाइट सिस्टम की, सभी में बदायूं के उझानी निवासी सत्यपाल अरोरा उर्फ मिक्कू ने अपनी काबिलियत को लोहा मनवाया है। सत्यपाल उर्फ मिक्कू इससे पूर्व भी कई अहम प्रोजेक्ट में देश के लिए काम कर चुके हैं। इस समय वह इसरो में सीनियर साइंटिस्ट हैं और केंद्र सरकार के आग्रह पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ स्पेस साइंस त्रिवेंद्रम में अपने स्टडी टूर पर हैं। ऐसा नहीं है कि स्टडी टूर पर होने के चलते वह आइआरएनएसएस 1जी प्रोजेक्ट से दूर हो गए। जब-जब जरूरत पड़ी, उन्हें इसरो से कॉल किया गया। टीम के अहम हिस्से के तौर पर बदायूं के मिक्कू ने त्रिवेंद्रम से इसरो आकर न केवल अपने फर्ज को अंजाम दिया बल्कि देश के इस अहम प्रोजेक्ट में कुछ जरूरी फेरबदल कर जरूरी योगदान दिया।

loksabha election banner

आइआरएनएसएस 1जी का कांसेप्ट 2013 में शुरू हुआ था। इसकी मॉनीट¨रग के लिए कई टीमें होती हैं। मूलत: यह एक टीमवर्क है। मैं खुश हूं कि इस टीम का हिस्सा रहा। अब हमारे सभी सात सेटेलाइट लांच हो गए हैं। हम अमेरिका, चीन और रूस के चौथे ऐसे देश हैं जो किसी पर आश्रित नहीं रहेगा। हमारा अपना जीपीएस लांच हो गया है। यह जून मध्य में फंक्शन करने लगेगा। इसे एक्सएल वर्जन के साथ लांच किया गया है। अब हमें किसी भी दूसरे देश से जानकारी शेयर करने की कोई बाध्यता नहीं हैं। हम अपने देश की परिधि में समर्थ हैं।

- सत्यपाल ¨सह अरोरा उर्फ मिक्कू

वरिष्ठ वैज्ञानिक, इसरो

मालानुमा प्रोजेक्ट में सात मोती

इससे न केवल कोस्ट गार्ड, मरीन स्ट्रेटजी, मिसाइल टेक्नोलॉजी, एयरक्राफ्ट टेक्नोलाजी, मौसम विज्ञान समेत सभी तरह की अपडेट जानकारी हमारे पास होगी। देश को कवर करने के लिए तैयार मालानुमा इस प्रोजेक्ट में सात सेटेलाइट सिस्टम प्रयोग हुए हैं।

बेटा बहुत ही होनहार है पर वह कुछ गंभीर रहता है। जब बड़े-बड़े काम करता है और दुनिया कहती है कि मिक्कू ते कमाल कर दित्ता.। तब बहुत फº होता है।

- चरनजीत ¨सह, मिक्कू के पिता।

मिक्कू के बोल

असेंबलिंग से लेकर इसकी टे¨स्टग और इंजन की फंक्श¨नग के दौरान तीन चरणों में रॉकेट लांच किया जाता है। मेरी अहमियत टेस्टिंग के दौरान होती है। दूसरे चरण में जब इंजन फंक्शन करता है तब और इसके बाद लिक्विड इंजन स्टार्ट होने के बाद पूरा फंक्शन ऑन हो जाता है। मिक्कू ने बताया कि इसमें लां¨चग के दौरान चार चरण होते हैं और हर हिस्से में टीमों को अपना अपना शत प्रतिशत योगदान देना होता है। मैने मूलरूप से टे¨स्टग और लिक्विड प्वाइंट पर मॉनीट¨रग की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.