अधिकारों की बात करने से पहले निभाएं कर्तव्य
जागरण संवाददाता, बदायूं : भारतीय संविधान के अनुसार हर व्यक्ति को स्वतंत्रता का अधिकार है। कोई भी
जागरण संवाददाता, बदायूं : भारतीय संविधान के अनुसार हर व्यक्ति को स्वतंत्रता का अधिकार है। कोई भी अपनी मांग उठा सकता है और बोल भी सकता है। वहीं कर्तव्यों का निर्वाहन करने में लोग पीछे हैं। अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। संविधान में स्वतंत्रता के अधिकार के अलावा लोगों के कर्तव्यों का भी जिक्र किया गया है। जिसका पालन ही नहीं किया जाता है। स्वतंत्रता के अधिकारों के प्रति लोगों की संजीदगी का अंदाजा सोशल साइट पर अक्सर देखने को मिल जाता है। कोई बात इसपर शेयर करने पर विरोध में किसी की टिप्पणी पर अधिकारों की दुहाई दी जाती है। वहीं असल ¨जदगी में कुछ और ही है। संविधान में लिखे नियमों का पालन हम कितना करते हैं, यह सभी जानते हैं। चाहें बेहतर शहर बनाने की बात हो, लोगों की सेवा करने की बात हो या फिर संविधान के नियमों का पालन करने की। जिस दिन लोग अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे उस दिन से उन्हें स्वतंत्रता के अधिकारों पर हक जताने का अधिकार होगा। यह कहना है देश का भविष्य संवारने वाले युवाओं का। उनका कहना है कि सोशल साइट, बोलचाल में ज्ञान बांटने से बेहतर है कि खुद उसका पालन करें।
युवाओं के बोल -
लोग सिर्फ स्वतंत्रता के अधिकार से वाकिफ हैं। संविधान में अधिकार होने की बात कही जाती है, लेकिन उसी संविधान में लिख अपने कर्तव्यों को अनसुना कर दिया जाता है। लोगों के अधिकार सुरक्षित हैं। लोगों को ज्ञान बांटने के पहले खुद के कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। हमेशा ही अपने कर्तव्यों का पालन करने की कोशिश करते हैं।
- सुशील दुबे
सामान्य कर्तव्यों का पालन तक लोग नहीं कर रहे हैं। परिवार की ही बात की जाए तो अपने माता-पिता की सेवा करना भी हमारा कर्तव्य है। आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ व सुंदर बना भी हमारा कर्तव्य है। इनका तक पालन नहीं किया जा रहा है तो बेहतर है कि इनका पालन करने के बाद ही अधिकारों की बात की जाए।
- गौरव गुप्ता
आसपास के लोगों को खुशियों व गमों में शरीक होना, खुशहाल ¨जदगी जीते हुए अन्य लोगों की भी सहायता करना भी हमारा कर्तव्य है। लोगों से अधिकारों की बात करने वालों को पहले अपने जहन में झांकना चाहिए। जितनी बात अधिकारों की होती है, उतने से भी कम अगर कर्तव्यों का पालन हो जाए तो देश तरक्की की राह पर अग्रसर होगा।
- अमित शर्मा
भारतीय संविधान के अनुसार ही सरकारी अभियान चलाए जाते हैं। जिसमें सहभागिता करने मात्र से काफी हद तक अपने कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं। अधिकारों पर बात करने से पहले खुद के कर्तव्यों का निर्वाहन कर लिया जाएगा तो स्थिति बेहतर होगी। पूरी कोशिश करते हैं अपने कर्तव्यों का पालन करने की। कहीं कमी रह जाती है तो अगले ही पल उसमें सुधार कर लेते हैं।
- तुषार