विकास से कोसों दूर मनवा गांव
सैदपुर (बदायूं) : कस्बा के समीप ग्राम पंचायत मनवा के निवासी आज भी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। बा
सैदपुर (बदायूं) : कस्बा के समीप ग्राम पंचायत मनवा के निवासी आज भी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं। बा¨शदे विकास को तरस गए हैं, लेकिन किसी जनप्रतिनिधियों ने इस गांव के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीण आज भी विकास की राह तक रहे हैं।
जहां एक तरफ सरकार गांवों को शहर व नगर से जोड़ने के लिए तमाम योजना बनाकर ऐसे गांव के विकास के लिए पैसा बहा रही हैं। वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की बेरूखी के चलते इस गांव की तरफ किसी ने आज तक विकास के नाम पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण इस गांव का विकास नहीं हो सका। बात करें तो इस गांव में पहुंचने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। कस्बे से गांव तक जाने वाली सड़क आज भी कच्ची हैं जो बरसात के मौसम में ग्रामवासियों के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती हैं। जहां कस्बे से गांव तक का लगभग डेढ़ किमी का सफर लोगों के लिए मीलों से कम नहीं यह सड़क बरसात में दलदल का रूप धारण कर लेती हैं। जिससे वाहन तो दूर पैदल निकलना भी दुश्वार हो जाता हैं। वहीं गांव से कस्बे में पढ़ने आने वाले बच्चों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती हैं। सवारी का साधन न होने के कारण बच्चे पैदल ही स्कूल आते है। जिससे वह समय से स्कूल नहीं पहुंच पाते वहीं बीमार लोगों को और भी मुसीबत झेलनी पड़ती है। अस्पताल लाने के लिए आज भी डनलप ही एक साधन है। जिस कारण इन मरीजों को अस्पताल लाना बड़ी चुनौती बना हैं। सफाई न होने के कारण गांव में गंदगी बनी हैं। वहीं दूसरी और गांव में सफाई व्यवस्था का बुराहाल हैं। नालियों व सड़कों पर गंदगी बनी हैं। गांव निवासी कल्लू कश्यप ने बताया कि चुनाव के समय नेता विकास का भरोसा तो दे जाते है। फिर लौट कर नहीं आते हैं। नवल किशोर शर्मा ने बताया कि गांव में सफाई कर्मचारी सिर्फ औपचारिकता निभा रहा हैं। नत्थू लाल ने बताया कि सैदपुर से गांव तक सड़क पड़ना अब तो एक सपने जैसा लगता है। वहीं फितरत खां ने बताया कि यहां तो कभी समय से राशन तक नसीब नहीं होता है। निर्देश कुमार का कहना हैं कि नेता व अधिकारी इस ओर ध्यान दें तो शायद गांव तक सड़क पड़ जाए।