एमडीएम न बनने से बच्चों को दिक्कतें
जागरण संवादाता, बदायूं : प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व मुफ्त भोजन
जागरण संवादाता, बदायूं : प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा व मुफ्त भोजन पर पानी की तरह पैसा बहा रही हो, लेकिन इसका असर आसफपुर ब्लाक पर स्थित प्राथमिक विद्यालय के स्टाफ पर बिल्कुल नहीं है।
ब्लॉक आसफपुर पर स्थित प्राथमिक विद्यालय अधिकारियों व विद्यालय स्टाफ की मनमानी के चलते असुविधा केंद्र बनकर रह गया है। आसफपुर प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील का भोजन बीते एक माह से नहीं बना है। विद्यालय आने वाले छात्र-छात्राएं बिना भोजन के घर वापस लौट जाते हैं। अगर कभी-कभार भोजन बनता भी है तो वह इतना घटिया का होता है कि ज्यादातर बच्चे खाने से इंकार कर देते हैं। ऐसा नहीं इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को न हो क्योंकि इस प्राथमिक विद्यालय के पास में एबीएसए का दफ्तर भी है, लेकिन यहां मिड-डे मील का भोजन नहीं बन रहा है। ग्रामीणों ने कई बार ब्लॉक सहित जिले के अधिकारियों से की शिकायत की, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। विद्यालय में तैनात स्टाफ विद्यालय तक समय से नहीं खोलते वहीं एक विद्यालय बंद होने से एक घंटा पहले अपने घर चले जाते हैं।
विद्यालय में एमडीएम प्रधानाध्यापक द्वारा ही बनवाया जाता है। तीन महीने तक उन्होंने अपने पास से ही एमडीएम बनवाया था, जिस भुगतान नहीं हो पाया था। मैं भी बाहर जाने की वजह से इस ओर ध्यान नहीं दे पाया। विद्यालय में खाना रोज बनवाया जाएगा।
-चेतन कुमार, ग्राम प्रधान