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..कभी रंगों भरा दिन है कभी रात जिंदगी

बदायूं : भारतीय संगोष्ठक संस्था के तत्वावधान में मुहल्ला चौबे में देवी मठिया के पास संयोजक अमन शर्मा

By Edited By: Published: Thu, 05 Mar 2015 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2015 11:36 PM (IST)
..कभी रंगों भरा दिन है कभी रात जिंदगी

बदायूं : भारतीय संगोष्ठक संस्था के तत्वावधान में मुहल्ला चौबे में देवी मठिया के पास संयोजक अमन शर्मा की अध्यक्षता में होली के उपलक्ष्य में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ समाजसेवी गौरव पाठक ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तिलहर से आए युवा गजलकार प्रदीप कुमार ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

गौरव पाठक ने पढ़ा कैसे-कैसे हैं दिखला रही, हालत जिंदगी, कभी रंगों भरा दिन है कभी रात जिंदगी। जयवीर चंद्रवंशी ने पढ़ा-वह घर की छत का साया, मिली जिसमें जिंदगानी, जाने कब नसीब होगा मुझे अपने घर का पानी।

मीरानपुर कटरा से आए कवि तालिब ने पढ़ा-रब सितमगर है के न जाने तबीब है, खाली है जेब होली के दिन भी नसीब है। शायर नरेश चंद्र शर्मा ने कहा-तमाम उम्र तड़पने पर एक खुशी न मिली, तमाम उम्र मुस्कराए गम जुदा न हुए।

इसके अलावा अचिन मासूम, आदर्श, नासिर, मयंक पाठक, अहमद खान, प्रदीप कुमार, रूद्राक्ष शर्मा, आदि ने काव्य पाठ किया। मुरली मनोहर शर्मा ने प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सूरज, अर्जित, लकी, महमूद अली, मणि शर्मा, अंजुम खान, अनुज शर्मा आदि मौजूद रहे। दिनेश चंद्र ने आभार व्यक्त किया।


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