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उफ, इस सर्दी में ठहर गई जिंदगी

जासं, बदायूं : कोहरे ने तो सोमवार को हद कर दी, दिनभर कोहरे की बूंदे टपक रही हैं। ऐस मौसम में जिंदगी

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 08:12 PM (IST)

जासं, बदायूं : कोहरे ने तो सोमवार को हद कर दी, दिनभर कोहरे की बूंदे टपक रही हैं। ऐस मौसम में जिंदगी ठहर सी गई है। चारों तरफ कोहरे की चादर बिछी रही है। दिन में भी वाहनों के लाइट जलाकर निकलना पड़ा। पारा और नीचे गिर गया है। न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

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सर्दी का प्रकोप तो महीनेभर से चल रहा है, लेकिन अब ठंड जानलेवा साबित होनी लगी है। कोहरे का ऐसा असर कि जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रविवार को दिनभर सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। सोमवार को स्थिति भी ठीक उसी तरह रही। सुबह जब लोग सोकर उठे तो चारों तरफ कोहरे की चादर बिछी हुई थी। कोहरा इतना घना था कि बारिश की तरह बूंदें टपक रही थीं। मंडी समिति में सुबह पांच बजे से शुरू होने वाली चहलकदमी की जगह सात बजे के बाद इक्का-दुक्का लोग दिखाई पड़े। शहर के जिन सड़कों पर मार्निग वाकर्स की सुबह पांच बजे से आवाजाही शुरू हो जाती है वहां भी सात बजे तक सन्नाटा ही पसरा रहा। आठवीं तक के बच्चों का अवकाश होने की वजह से अभिभावक जरूर थोड़ी राहत में रहे, लेकिन बच्चों को घरों में रोके रखना भी मुश्किल हो रहा था। सुबह से लेकर फिर शाम हो गई, लेकिन घरों में रात जैसी स्थिति ही बनी रही। बाजारों में दुकानें भी विलंब से खुलीं और अधिकारी-कर्मचारी भी कार्यालय पहुंचकर ठंड में सिकुड़े रहे। अधिकांश कार्यालयों में हीटर और अंगीठी के सहारे काम काज निपटाए गए। जहां भी किसी से मुलाकात हो रही थी कि एक ही जुमला मुंह से निकल रहा था कि बहुत ठंड है। सोमवार को जिले का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री और अधिकतम 16 डिग्री सेल्सियस रहा।

डीएम के आदेश को दिखाया ठेंगा

फोटो-22बीडीएन-28 व 29

कड़ाके की ठंड और शीतलहर को देखते हुए जिलाधिकारी ने विद्यालयों में छुट्टी कर रखी है। डीएम शंभूनाथ ने कक्षा 8 तक के विद्यालयों और कक्षाओं को बंद रखने के आदेश दिए हैं। अखबारों में भी खबर प्रमुखता से छपी। इससे अभिभावक भी आश्वस्त थे, लेकिन शहर के कुछ विद्यालयों की गाड़ियां छोटे बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए बच्चों के घरों पर पहुंचीं। अभिभावकों ने विद्यालय से संपर्क किया तो बताया गया कि परीक्षा की वजह से स्कूल खुला रखा गया है। तमाम लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात की, लेकिन स्कूल प्रबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। स्कूल पहुंचे अभिभावकों से यहां तक कहा गया कि आगामी बुधवार को भी बच्चों को स्कूल आना है।

कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों ने की अलाव की पहल

कलेक्ट्रेट परिसर में पांच स्थानों पर अलाव जलवाने की जिम्मेदारी कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों ने ली है। कर्मचारियों ने आपस में चंदा कर तीनों प्रमुख गेटों के अलावा परिसर में दो स्थानों पर अलाव लगवाने के लिए एक क्विंटल लकड़ी भी मंगा ली है। उनकी मंशा यह है कि गांवों से आने वाले लोगों को ठंड से बचाया जा सके। इसी तरह की पहले दूसरे विभागों के कर्मचारियों को भी करनी चाहिए।


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