हकीकत को मात देतीं झूठी कहानियां
बदायूं: कटरा सआदतगंज कांड तो याद ही होगा। देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआइ भी अब तक जिस मोड़ पर पहुंची है, उससे यह तो साफ है कि तहरीर में काफी हद तक सच्चाई नहीं लिखी गई है। कहानी ऐसी थी कि प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मीडिया और समाज तक ने बड़ी सहजता से विश्वास कर लिया। खैर हकीकत क्या है, यह सामने आना बाकी है। बदायूं में इस प्रकार की मनगढंत कहानियां रचकर विरोधियों को फंसाने की साजिशें आए दिन सामने आती हैं। कचहरी में कुछ अधिवक्ता बाकायदा झूठी कहानी के शिकायती पत्र बनाकर अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं। कई बार जांच में ये मामले सरासर झूठे भी साबित होते हैं तो कई बार दबाववश पुलिस निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई भी कर देती है। इसके बावजूद झूठी शिकायत करने वाले के खिलाफ धारा 182 की कार्रवाई भी नहीं हो पाती। लगातार बढ़ रहीं पेशबंदी की शिकायतों से अधिकारी भी परेशान हैं।
केस 1
कटरा कांड में तेजी से कार्रवाई होने पर कई लोग ऐसे मौके पर फायदे उठाने की तलाश में लग गए। उसी दौरान उसावां थाना क्षेत्र में मायके आई एक विवाहिता ने मामूली बात पर गांव के ही दो लोगों पर अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन एसएसपी अतुल सक्सेना ने पुलिस को घटना की रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। घटना की तफ्तीश शुरू हुई तो सच सामने आया, जहां सभी हैरान थे। उस महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने हुए बयानों में यह स्वीकार लिया कि उसने झूठी शिकायत कर दोनों को फंसा दिया है।
केस 2
करीब डेढ़ महीने पहले उसहैत थाना क्षेत्र के गांव शाहपुर निवासी पप्पू ने पूर्व प्रधान से जमीनी विवाद के चलते अपने बेटे को गायब कर पूर्व प्रधान और उनके परिजनों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया। लेकिन पूरे गांव की गवाही पर पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। पुलिस ने पप्पू पर दबाव बनाया तो उसने जालसाजी के चलते कलान थाने के पास अपने बेटे को छोड़ दिया। जहां बयान लेने पर बालक ने सच्चाई बता दी। इस मामले में एसओ विजय कुमार गौतम ने पप्पू के खिलाफ धारा 182 की कार्रवाई की।
केस 3
उसहैत थाना क्षेत्र के गांव शिंभू नगला निवासी वीरपाल मौर्य ने एसपी सिटी और एसडीएम दातागंज पेशबंदी के चलते गांव के ही कुछ लोगों पर हुक्का-पानी बंद करने की शिकायत की थी। शिकायत पर अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए। जांच में पाया गया कि उसने जमीन बेंची थी, जिसके विवाद में उसने फर्जी शिकायत की है। इस घटना में पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस ने कहा कि फर्जी शिकायत करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बड़े थानों में नहीं हुई 182 की कार्रवाई
जिले के सबसे बड़े थाने सिविल लाइंस और कोतवाली में पिछले तीन महीनों पर गौर करें तो यहां फर्जी शिकायत करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि कई मामलों में पुलिस ने कार्रवाई करनी चाही, लेकिन सफेदपोशों के दबाव के चलते पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी।
- जिले में अधिकांश मामलों में पेशबंदी की शिकायतें आती हैं। इसके अलावा क्रास केस करने के लिए भी मनगढ़ंत घटनाक्रम बनाकर एक दूसरे को फंसाने की शिकायतें आती हैं। सभी शिकायती पत्रों की जांच गंभीरता से कराई जा रही है। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अगर मामला पूरी तरह से झूठा पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि भविष्य में कभी कोई बेगुनाह को फंसाने के लिए ड्रामा न रचे।
-एसके सिंह, एसएसपी