एमडीएम में दी जा रही सिर्फ तहरी
बदायूं : उच्च प्राथमिक विद्यालय में तहेरी के नाम पर प्रधान व राशन कोटा धारक देते हैं सबसे घटिया किस्म का चावल बन रहा है। वहीं प्रधानाध्यापिका ने विद्यालय में कुछ किताबों को छोड़ शेष किताबों का वितरण छात्र-छात्राओं में कर दिया गया है।
क्षेत्र पंचायत के गांव जुनुईया स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत छात्र कुल अस्सी हैं जिसमें छप्पन छात्र छात्राएं उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापिका सुधारानी ने बताया कि कक्षा आठ की रेंबो, महा व्यक्तित्व, खेल स्वास्थ्य पर्यावरण जैसी पुस्तकों का वितरण विद्यालय में नहीं हो पाया है। क्योंकि एमपी आरसी ओमप्रकाश शर्मा अन्य विद्यालय में गए हुए हैं। वहीं स्टाफ के मतभेद होने के कारण इन उपरोक्त किताबों का वितरण छात्र-छात्राओं ने नहीं हो सका है। उनका वितरण भी जल्द करा दिया जाएगा। विद्यालय में प्रधान व सरकारी राशन विक्रेता द्वारा खाद्य सामग्री विलंब से मिलने के कारण कढ़ी-चावल की जगह तहरी बच्चों को परोसी गई है। बच्चे भी तहरी मन से नहीं खा रहे हैं।
रसोइया प्रेमीवती का कहना है कि प्रधानाध्यापिका अपने स्वजातीय महिला को रसोइया की जगह पर रखना चाहती हैं। प्रधानाध्यापिका सुधा रानी का कहना है कि रसोइया प्रेमवती न तो विधवा है और न ही इनका कोई बच्चा विद्यालय में पढ़ता है। आखिर इनका रिन्यूवल कैसे किया जाए। इसी लिए यह अनगर्ल बयान बाजी कर आरोप लगाती है।
उधर छात्राओं ने कहा कि हमारे विद्यालय में खेल के नाम पर एक फटी हुई कॅल है। छोटी रस्सी कूदने वाली है। साइकिल तो कभी विद्यालय में बच्चों को चलाने को नहीं दी गई।