दावत न देने पर जड़ा हुक्का-पानी बंदी का आरोप
बदायूं : उसहैत थाना क्षेत्र के गांव शिंभूनगला के रहने वाले एक राज मिस्त्री के दलित के घर खाना खाने से हुक्का-पानी बंद करने की शिकायत से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। गांव पहुंची तहसील प्रशासन की टीम के सामने आरोपी पक्ष ने अपनी सफाई पेश की, उन्होंने कहा कि हुक्का-पानी बंद नहीं किया गया है। जमीन से जुड़े एक विवाद के चलते उसे एक शादी में दावत नहीं दी गई थी। तीन महीने पुरानी इस घटना में पेशबंदी के चलते कुछ लोगों ने राज मिस्त्री को उकसा कर अधिकारियों के पास भेज दिया। प्रशासन ने पीड़ित का पक्ष जानना चाहा तो वह सामने नहीं आया। पीडि़त के बयान दर्ज न कराने से अधिकारी भी परेशान हैं।
गांव शिंभूनगला निवासी वीरपाल मौर्य राज मिस्त्री का काम करता है। तीन महीने पहले उसने उसहैत के वार्ड नंबर एक के रहने वाले भरत सिंह जाटव के यहां काम किया था। इस दौरान उसने एक दिन भरत सिंह के यहां खाना खा लिया। वीरपाल का आरोप था कि इसी बात को लेकर उसकी बिरादरी के लोगों ने हुक्का-पानी बंद कर दिया। आरोप था कि बिरादरी के लोगों ने उसे शादियों में भी दावत देनी बंद कर दी। इसके अलावा उसे गांव छोड़ने की भी धमकी दी गई है। बुधवार को उसने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। गुरुवार को तहसील प्रशासन की टीम गांव पहुंची, जहां पीड़ित को बयान देने के लिए बुलाया, लेकिन वह उनके पास नहीं आया। इसके बाद आरोपी पक्ष से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हुक्का-पानी बंद नहीं किया गया है। एक जमीन से जुड़ा विवाद था। उन लोगों ने बताया कि कुछ सियासी लोग वीरपाल को उकसाकर इस तरह के आरोप लगवा रहे हैं। ग्रामीणों से बात करने के बाद अधिकारी इस घटना को राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।
आरोप संगीन था, इसलिए मामले को काफी गंभीरता से लिया गया। शिकायतकर्ता एक नेता के साथ आया था, एसओ उसहैत को कार्रवाई के आदेश देते हुए शिकायतकर्ता को थाने भेजा, लेकिन वह थाने नहीं पहुंचा। पुलिस ने जब गांव जाकर तहकीकात की तो मामला पेशबंदी का बताया गया। फिर भी घटना की जांच कराई जा रही है। झूठी शिकायत होने पर शिकायतकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी।
-मान सिंह चौहान, एसपी सिटी
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हुक्का-पानी बंद कर गांव छोड़ने की धमकी देने की शिकायत मिलने पर कानूनगो और लेखपाल को पुलिस के साथ भेजा गया था। ग्रामीणों से बात की गई तो आरोप मजबूत नजर नहीं आए। इसके बाद भी ग्रामीणों को चेतावनी दी गई है, फिलहाल मामला शांत है।
-ओपी तिवारी, एसडीएम दातागंज