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बूचड़खानों पर अभियान, बकरा मीट की तरफ रुझान

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद युद्धस्तर पर चल रहे बूचड़खानों के बंद क

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 05:44 PM (IST)
बूचड़खानों पर अभियान, बकरा मीट की तरफ रुझान

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद युद्धस्तर पर चल रहे बूचड़खानों के बंद करने के अभियान के बाद बकरा व मुर्गा मीट की तरफ लोगों का रुझान तेजी से बढ़ा है। खासकर बकरा का मीट में बीस से तीस रुपये तक वृद्धि हो गई है। इसके अलावा जनपद के हर हिस्से में दूध व पनीर की बिक्री भी बढ़ गई है।

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जनपद में कोई भी बूचड़खाना लाइसेंसी नहीं है। शहर सहित पूरे जनपद में दर्जनों बूचड़खाने धड़ल्ले से चल रहे थे। मुबारकपुर में बूचड़खाना भी लाइसेंस नहीं दिखा पाया। ऐसे में उसे भी बंद कर दिया गया है। इसके अलावा मेंहनगर का बूचड़खाना भी बंद करवाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी का कहना है कि जनपद में कोई भी बूचड़खाना लाइसेंसी नहीं है। सभी अवैध रूप से चल रहे थे। ज्यादातर लोगों पर कार्रवाई भी की जा रही है। सभी बूचड़खानों को बंद कराने का आदेश है। ऐसे में कोई भी बूचड़खाना नहीं चल पाएगा। दूसरी तरफ बकरा व मुर्गा के मीट की तरफ लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों में बकरा का मीट 340 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 360 रुपये तक पहुंच गया। इसी तरह मुर्गा का मीट 140 रुपये से बढ़कर 160 रुपये प्रतिकिग्रा बिक रहा है। इसमें भी 20 रुपये की बढ़ोत्तरी हो गई है। शहर के हर्रा की चुंगी निवासी मीट व्यवसायी मुन्ना, चौक के असलम ने बताया कि मंगलवार से मीट की खपत कुछ बढ़ी जरूर है लेकिन अभी उतना नहीं कि सार्टेज हो जाए। फिलहाल प्रतिदिन की अपेक्षा ग्राहक बढ़े हैं। दूध व्यवसायी नंदलाल मोदनवाल ने बताया कि पहले से ही दूध की खपत ज्यादा है। ऐसे में बूचड़खाने बंद होने के बाद दूध पर भी भार बढ़ता जा रहा है।

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जीयनपुर व करमैनी में चल रहे बूचड़खाने

आजमगढ़ : सगड़ी तहसील के जीयनपुर बाजार व करमैनी बाजार में स्थित बूचड़खानों पर अभी तक पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसकी वजह से यहां धड़ल्ले से पशु काटे जा रहे हैं। इन अवैध रूप से चल रहे बूचड़खाने पर पुलिस आंखे मूंदे हुई है। जीयनपुर बाजार में लगभग 45 कुरैशी परिवार रहते हैं। कुरैशी लोग जहां गांव के अंदर के बूचड़खाने में जानवरों को काट कर के बाहर भेजते हैं वही ज्यादातर कुरैशी अपने घरों के अंदर ही जानवरों को काट कर के मांस बेचने का काम करते हैं। करमैनी बाजार के अंदर बने अवैध बूचड़खाने पर भी जानवरों का काटने का क्रम जारी है। बिलरियागंज में भी बने अवैध बूचड़खानों में बुधवार को जानवर कटते दिखे।

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कोई भी बूचड़खाना नहीं चलेगा : एसपी

एसपी आनंद कुलकर्णी ने कहा कि जनपद में कोई भी बूचड़खाना लाइसेंसी नहीं है। इसलिए सभी बूचड़खानों को बंद कराया जाएगा। जीयनपुर व करमैनी में अगर चल रहे हैं तो वह तुरन्त बंद करवाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की किसी भी तरह अवहेलना नहीं होने दी जाएगी। शासन-प्रशासन पूरी तरह से इसे बंद करवाने में लगा हुआ है।


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