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नाटक के माध्यम से कुरीतियों पर किया प्रहार

आ•ामगढ़ : भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ द्वारा विगत एक माह से संचालित प्रस्तुतिपरक नाट्य प्रशिक्षण कार्

By Edited By: Published: Tue, 30 Aug 2016 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2016 09:18 PM (IST)
नाटक के माध्यम से कुरीतियों पर किया प्रहार

आ•ामगढ़ : भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ द्वारा विगत एक माह से संचालित प्रस्तुतिपरक नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर रविवार की देर शाम स्थानीय शारदा टाकीज के प्रांगण में फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी 'पंचलाइट' पर आधारित नाटक का मंचन सुग्रीव विश्वकर्मा के निर्देशन में किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी के सहायक निर्देशक रमेश चन्द्र गुप्ता एवं वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित ने दीप प्रज्ज्वलन कर की। पंचलाइट नाटक की कहानी गांव के महतो टोली से जुड़ी़ हुई थी। इसमें पंचायत के लोग एक पंचलाइट खरीद के ले आते है पर समस्या ये है कि उसे कोई जलाना नहीं जानता। सिर्फ गांव का एक लड़का गोधन ही उसे जला सकता है। उसे पंचायत द्वारा निकाल दिया गया। उस पर इल्जाम है कि वह गांव की लड़कियों को देखकर 'सलीमा' का गीत गाता रहता है। अंत में पंचायत के लोग गोधन को मना कर लाते हैं। उससे सभी माफी मांगते है। इस पर गोधन पंचलाइट जला देता है। इस प्रकार नाटक का सुखद अंत होता है। युवा निर्देशक सुग्रीव विश्वकर्मा के सधे हुए परिकल्पना में यह नाटक रेणु की कहानी को साकार कर गया। मंच की सजावट व प्रकाश परिकल्पना ने नाटक में गवई रंग भर दिया। गोधन की भूमिका में प्रज्जवल चौबे, मुनरी की भूमिका में रीता गुप्ता, ग्रामीण लड़की की भूमिका में काजोल ठाकुर, गोधन की पिता की भूमिका में दिलीप रावत, ग्रामीण की भूमिका में अंगद कश्यप व ग्रामीण महिला की भूमिका में डा. अलका ¨सह का अभिनय सराहनीय रहा। साथ में संदीप कुमार, रितेश अस्थाना, अजय वर्मा, विनय कुमार, रवि चौरसिया, रितेश रंजन, सुनील प्रजापति, अमरजीत विश्वकर्मा, रामजनम चतुर्वेदी, सूरज कुमार, प्रदीप गोड़, सचिन, अनादि अभिषेक, आदित्य अभिषेक, रवि राजभर, द्वारिका विश्वकर्मा ने अपनी-अपनी भूमिका के साथ न्याय किया। अतिथि अभिनेत्री ममता पंडित ने अपने सधे हुए अभिनय से नाटक को गति दिया। नाटक का सबसे मजबूत पक्ष भारतेंदु कश्यप रचित उसका गीत रहा। संगीत परिकल्पना भी कथ्य को मजबूती दे गया। अभिषेक पंडित का नाट्य रूपांतरण, हरिकेश मौर्य की प्रकाश परिकल्पना प्रभावशाली रहा। नाटक में सहायक निर्देशन रणजीत कुमार ने किया। इस अवसर पर डा. अमित ¨सह, प्रवीण ¨सह, डा. बद्रीनाथ, जितेन्द्र कुमार, डा. आरडी ¨सह, डा. आलोक मिश्र, डा. एके ¨सह उपस्थित थे।


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