ग्रीष्मावकाश से शिक्षकों की बढ़ी मुसीबत
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : प्रदेश सरकार ने अतिवृष्टि व ओलावृष्टि के कारण कुछ जिलों को आपदा ग्रस्त घोषित कर
बूढ़नपुर (आजमगढ़) : प्रदेश सरकार ने अतिवृष्टि व ओलावृष्टि के कारण कुछ जिलों को आपदा ग्रस्त घोषित कर दिया था, जिसमें किसानों को राहत राशि भी बांटी जा रही है। अब सरकार को परिषदीय विद्यालयों की याद आई है। ग्रीष्मावकाश के दौरान भी सभी परिषदीय विद्यालय व मदरसे खोले जाएंगे। इस दौरान पढ़ाई तो नहीं होगी लेकिन स्कूल में मिड-डे-मील बनाकर बच्चों को खिलाया जाएगा लेकिन यह मध्याह्न भोजन की जिम्मेदारी ने शिक्षकों व रसोइयों को पूरी तरह बांध दिया है।
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ने आजमगढ़ सहित सभी आपदाग्रस्त जिलों में इसे लागू करने का आदेश जारी किया है। परिषदीय विद्यालयों व मदरसों से ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है। शासन ने 21 मई से 30 जून तक आपदाग्रस्त जिलों के परिषदीय विद्यालयों ओर मदरसों को खोलकर बच्चों को मध्याह्न भोजन खिलाने का निर्णय लिया है। निदेशक मध्याह्न भोजन प्राधिकरण श्रद्धा मिश्रा के आदेश में साफ कहा गया है कि विद्यालय सुबह नौ बजे से 11 बजे तक रहेगा।
प्रधानाध्यापकों व रसोइयों का उपस्थित होना अनिवार्य है। इस दौरान विद्यालयों में मध्याह्न भोजन खिलाने के अलावा शौचालय निर्माण, मरम्मत कार्य, रंगाई-पुताई भी की जाएगी। उच्चाधिकारियों द्वारा समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा। विद्यालय बंद पाए जाने पर प्रधानाध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। टास्क फोर्स द्वारा भी भोजन की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।
आदेश का पालन करना तो मातहतों की जिम्मेदारी बनती है लेकिन ग्रीष्मावकाश के समय काफी बच्चे अपने परिजनों के साथ घूमने या फिर रिश्तेदारी चले गए है। पंजीकृत संख्या के अनुसार भोजन तो बन रहा है लेकिन उपस्थिति उससे काफी कम है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबध में खंड शिक्षा अधिकारी कोयलसा रामकुमार ¨सह ने बताया कि ग्रीष्मावकाश में स्कूल खोलकर बच्चों को मिड-डे-मील खिलाने का आदेश प्राप्त हुआ है। इस दौरान पठन-पाठन का आदेश नहीं है। सिर्फ बच्चों को भोजन खिलाया जाएगा। शासन के आदेश के अनुरूप क्षेत्र के विद्यालयों में क्रियान्वयन कराया जाएगा।