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गौरवशाली रहा है भारतीय मीडिया का इतिहास

आजमगढ़ : शिब्ली अकादमी के सभागार में बुधवार को 'भारतीय मीडिया और अल्पसंख्यक समाज' विषयक गोष्ठी मे

By Edited By: Published: Wed, 29 Apr 2015 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2015 09:14 PM (IST)

आजमगढ़ : शिब्ली अकादमी के सभागार में बुधवार को 'भारतीय मीडिया और अल्पसंख्यक समाज' विषयक गोष्ठी में प्रबुद्धजनों ने अपने विचार व्यक्त किए।

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मुख्य अतिथि व पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि भारतीय मीडिया का इतिहास जितना गौरवशाली हो सकता है दुर्भाग्यवश उतना नहीं बनाया जा सका। आजादी के संघर्षों के समय में हिन्दी-उर्दू भाषा के समाचार पत्रों ने राष्ट्रीय चेतना के प्रवाह का कार्य किया। कहा कि मीडिया में समाज के हर वर्ग की हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि समाचार कक्ष में महिला पत्रकार होंगी तो महिला के बारे में संयम की भाषा बोली जाएगी। उन्होंने कहा कि आज जनसंपर्क पत्रकारिता का दौर आया है जो कि स्वाभाविक पत्रकारिता को कम करने का प्रयास है। कहा कि ¨प्रट मीडिया में पत्रकार का जीवन असुरक्षाबोध से ग्रसित है लेकिन फिर मीडिया के लोग कम से कम ऐसे लोगों का दुख साझा करने ओर आंसू पोंछने का काम कर रहे हैं। मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी विचार रखे। अध्यक्षता अकादमी के निदेशक डा. इश्तियाक अहमद जिल्ली व संचालन मौलाना उमेर सिद्दीकी ने किया। संस्कृतिधर्मी राजीव रंजन, बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार, प्राचार्य सुहैल अहमद, शबाबुद्दीन, इलियास आजमी,वशिष्ठ ¨सह, अबु मोहम्मद, कन्हैयालाल, डा.र¨वद्रनाथ राय, शरदचंद, राकेश राय, बैजनाथ यादव आदि ने विचार रखे।


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