आरआरबी एक्ट संशोधन बिल पर जताई आपत्ति
आजमगढ़ : काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक स्टाफ एसोसिएशन एवं आफिसर स्टाफ एसोसिएशन ने गत 18 दिसंबर को लो
आजमगढ़ : काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक स्टाफ एसोसिएशन एवं आफिसर स्टाफ एसोसिएशन ने गत 18 दिसंबर को लोकसभा में पेश आरआरबी एक्ट संशोधन बिल का कड़ा विरोध करते हुए राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन सोमवार को जिलाधिकारी को दिया।
एसोसिएशन के सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन व बालरूप यादव ने बताया कि इस बिल के द्वारा केंद्र सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का शेयर निजी क्षेत्र में ले जाने का प्रस्ताव कर भविष्य में ग्रामीण बैंकों के निजीकरण की साजिश रच रही है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का 50 प्रतिशत शेयर केंद्र सरकार, 15 प्रतिशत शेयर राज्य सरकार एवं 35 प्रतिशत शेयर संबंधित प्रवर्तक बैंक का है। इसमें संशोधन कर केंद्र सरकार द्वारा अपने 50 प्रतिशत शेयर में से 34 प्रतिशत शेयर निजी क्षेत्र में ले जाने एवं राज्य सरकार को अपने 15 प्रतिशत शेयर को भी निजी क्षेत्र में ले जाने हेतु निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र करने का प्रस्ताव उक्त बिल में किया गया है जो राष्ट्र, जनता व कर्मचारी हितों के प्रतिकूल है। नेताओं ने कहा कि 1975 में देश के ग्रामीण एवं गरीब जनता के आर्थिक उत्थान तथा उन्हें बैकिंग सेवा से जोड़ने के उद्देश्य से स्थापित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने सफलतापूर्वक कार्य किया है। इसकी सराहना संसद में भी कई बार की जा चुकी है। वर्तमान में चल रहे प्रधानमंत्री जन धन योजना में भी ग्रामीण बैंक शाखाओं द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का शेयर निजी क्षेत्र में ले जाना राष्ट्र एवं जनता के हित में नहीं है। ज्ञापन देने वालों में अमीर अहमद, आफिसर स्टाफ एसोसिएशन के कार्यालय मंत्री हरेन्द्र कुमार अस्थाना, आईसी श्रीवास्तव एवं आरपी मौर्य शामिल थे।