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ऐसा तप कि देखकर रुक गए अनजान

आजमगढ़: नदी व सरोवर के घाटों पर दोपहर बाद से ही व्रती महिलाओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। साथ

By Edited By: Published: Wed, 29 Oct 2014 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 29 Oct 2014 07:08 PM (IST)
ऐसा तप कि देखकर रुक गए अनजान

आजमगढ़: नदी व सरोवर के घाटों पर दोपहर बाद से ही व्रती महिलाओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। साथ में परिवार के अन्य सदस्य भी सिर पर पूजा की सामग्री लेकर चल रहे थे लेकिन कुछ की तपस्या ऐसी दिखी कि उसके बारे में जानने के लिए अनजान व्यक्ति कुछ देर के लिए रुक जा रहा था। घर से पूजा स्थल की ओर निकली तमाम व्रती महिलाएं सड़क पर दंडवत करते जा रही थीं। साथ में चल रहे परिवार के सदस्य उनकी मदद कर रहे थे तो जो भी इस तपस्या के बारे में जानता था वह उस व्रती महिला का चरण स्पर्श कर रहा था। आमतौर पर जिनकी कोई विशेष मिन्नत पूरी होती है वे महिलाएं बाजे-गाजे के साथ अथवा रास्ते भर दंडवत करते हुए घाट तक जाती हैं। व्रती दंडवत करते वहां तक जाती हैं जहां पर उनकी बेदी बनती है। इस दौरान साथ में चल रहे परिवार के सदस्य चाक से निशान लगा रहे थे तो कोई आटा से। कारण कि दंडवत करते घाट तक जाने के संकल्प में एक इंच का भी अंतर न आए। यही नहीं साथ चल रहे लोग सड़क को कपड़े से साफ कर रहे थे। दूसरी ओर मिन्नत पूरी हुई होने के उपलक्ष्य में कइयों ने नदी में पियरी के साथ गन्ने का मंडप बनाया। इसके बाद पश्चिम दिशा की तरफ पूजा के सामान से भरे बांस के सूप को रखकर पूजा-अर्चना किया व अ‌र्घ्यदान तक जल में खड़े होकर तपस्या किया। इस दौरान घाट के किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ से भरे रहे।


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