घर की पूजा के बाद भक्तों के पांव चले पंडालों की ओर
आजमगढ़: घरों में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा व देव स्थलों पर दीप दान के बाद भक्तों की भीड़ पूजा पंड
आजमगढ़: घरों में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा व देव स्थलों पर दीप दान के बाद भक्तों की भीड़ पूजा पंडालों में स्थापित देव प्रतिमाओं के दर्शन को निकल पड़ी। इससे पहले घर में पूजा के बाद लोगों ने मंदिरों में पहुंचकर दीप जलाए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगभग हर बाजार में छोटे-बड़े पंडाल बनाकर मां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। पूरे जिले में साढ़े तीन सौ पूजा पंडाल बनाए गए हैं।
बूढ़नपुर तहसील प्रतिनिधि के अनुसार दीपों के पर्व दीपावली पर क्षेत्र में मेले जैसा माहौल दिखा। मिठाइयों की दुकानों से लेकर मूर्तियों व साजो सामान की दुकानों पर काफी भीड़ दिखी। चूरा व चीनी के बने खिलौनों की भी खूब खरीदारी हुई। मिट्टी के दीपक भी खूब बिके। टेलीवीजन, वाशिग मशीन, कुर्सियों, मेजों सहित अन्य सामानों की खूब बिक्री की गयी। शाम की पूरी रौनक लाइटिंग व मूर्तियों के नाम रही। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां व चाइनीज झालर लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। लोगों ने जमकर मूर्तिया व झालर खरीदी। सभी अपने-अपने घरों को सजाने में जुटे रहे ताकि किसी के भी घर की रौनक एक दूसरे से फीकी न पड़ने पाए। मिठाइयों व पटाखों की दुकानों पर भी काफी भीड़ देखी गई। पुलिस भी भीड़भाड़ वाले जगहों पर नजर गड़ाए रही। हालाकि विगत कई वर्षो से जुआ खेलने की परिपाटी विकसित हुई है। जगह-जगह जुए खेले जा रहे हैं लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं है। कारण बाजारों में लोगों के घरों के अंदर व बाग बगीचों में होने के कारण पुलिस वहा तक नही पहुंच पा रही और लोगों के घर इस बुरी लत से बर्बाद हो रहे हैं। लोग जुए के दुष्परिणाम को जानते हैं कि प्राचीन काल में महाभारत का युद्ध जुए के कारण ही हुआ लेकिन उसके बाद भी अच्छे-अच्छे पढे़ लिखे लोग भी इस खेल में रुचि लेना शुरू कर दिए हैं, तो इसको रोकने की पहल कौन करेगा।