संगीतमयी रामकथा सुन श्रोता हुए निहाल
आजमगढ़ : जहानागंज के लपसीपुर गांव में योगीराज बाबा के स्थान पर चल रहे पाच दिवसीय कथा प्रवचन में श्रद
आजमगढ़ : जहानागंज के लपसीपुर गांव में योगीराज बाबा के स्थान पर चल रहे पाच दिवसीय कथा प्रवचन में श्रद्धालुओं के बीच बाल व्यास गोविन्द शास्त्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के असुर शक्तियों पर विजय के बाद अयोध्या आगमन को दिन से जोड़कर देखा जाता है। दूसरी तरफ हमारी संस्कृति में इस पर्व को अति विशिष्ट स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त कर सीता और लक्ष्मण के साथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को अयोध्या लौटे तो पूरा राज्य दीपों से सुसज्जित कर लोगों ने उनका स्वागत किया और खुशियां मनाई। उसी दिन से पूरे राष्ट्र में दिवाली मनायी जाने लगी। यह पर्व रीति-रिवाज के अनुसार हिंदुओं का महत्व पूर्ण त्योहार माना जाने लगा। धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना के रूप में मनाई जाती है दीपावली। इस ज्योति से हमारा आन्तस रोशन होता है क्योंकि लक्ष्मी का दूसरा नाम चंचला है अर्थात अस्थिर रहना उनकी प्रकृति है। इस दीपोत्सव पर कामना करें कि राष्ट्रीय एकता का स्वर्ण दीप युगों-युगों तक अखंड बना रहे। अंधकार को पराजित करना और नैतिकता के सौम्य उजाले से भर उठना है। विनोद पाठक ने संगीतमय प्रवचन से लोगों को नीतिगत बात की जानकारी दी। भजन सम्राट गुड्डू राय ने श्रोताओं को मनमोहक भजन प्रस्तुत कर झूमने को मजबूर कर दिया। संचालनकर्ता शंभूदास एवं व्यवस्थापक कृष्णमनन चौबे ने आभार प्रकट किया। इस मौके पर रमेश सिंह प्रधान, इंद्राशन चौबे, निरकार चौबे, श्रवण सिंह, ओम सिंह, राजवंत सिंह, दिवाकर सिंह, नंदलाल पाण्ड़ेय, महेश कांदू, महेंद्र प्रजापति उपस्थित थे।