लावारिसों का वारिस बन किया पिंडदान
आजमगढ़ : पहले निभाया सामाजिक धर्म और सोमवार को किया सनातन धर्म का पालन। जिले में लावारिस लाशों का वारिस बनने वाले सामाजिक संगठन भारत रक्षा दल को कुछ धार्मिक विद्वानों ने सलाह दी कि ऐसे मृतकों की आत्मा की शांति के लिए भी कुछ करना चाहिए।
इस सलाह के बाद पितृ पक्ष में सोमवार को भारत रक्षा दल ने तमसा के राजघाट पर अनजान मृतकों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म (पिंडदान) किया।
उसके बाद मेहता पार्क में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया। इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया। 51 ब्राह्माणों को भोजन के बाद दक्षिणा स्वरूप स्टील का गिलास, गमछा और सभी को 21 रुपये देकर विदाई दी गई। आयोजन की कमान जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू ने संभाल रखी थी।
पिंडदान कर्म में जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू, हरेन्द्र तिवारी बब्लू, प्रदीप चौहान, आरपी श्रीवास्तव, चंद्रप्रकाश पप्पू, मनीराम प्रसाद, जैनेन्द्र चौहान शामिल हुए। पंडित सभाजीत पांडेय द्वारा सारा कर्मकांड संपन्न कराया गया।
इस कार्यक्रम में लालसा प्रसाद, जलाउद्दीन, शैलेन्द्र मिश्र, लल्लन शुक्ला, अशोक कुमार शास्त्री, राजू अस्थाना, कमलेश तिवारी, राजकिशोर सिंह, निसीथ रंजन, मुकेश यादव, कंवचल यादव, टीपू यादव, दुर्गेश श्रीवास्तव, धर्मवीर शर्मा, बृजेश मिश्र, गोपाल प्रसाद, पंकज विश्वकर्मा, जयकिशन, अजय, लालकृष्ण दुबे, सुनील वर्मा, रमाशंकर मौर्य, सुरेन्द्र यादव, अश्वनी कुमार जय सिंह चौहान, विजय गौतम, विजय ठाकुर, भरत शर्मा, दिनेश यादव, प्रदीप यादव, राजकपूर निषाद, उमेश गिरी, सुनील यादव, सोहा चौहान, शिव चौहान, रूदल यादव, विक्की शर्मा, चंदन कन्नौजिया, चंद्रशेखर यादव, महेन्द्र चौहान, हरेन्द्र यादव, राकेश गुप्त, लालसा चौहान, शंकर चौहान आदि उपस्थित थे।
आठ अगस्त से शुरू किया लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार
आजमगढ़ : भारत रक्षा दल के जिलाध्यक्ष उमेश सिंह गुड्डू ने बताया कि लावारिस लाशों की दुर्गति से मानवता तो शर्मसार होती है। साथ ही साथ नगर के हृदय स्थल से होकर गुजरने वाली तमसा नदी भी प्रदूषित होती है। आठ अगस्त 2013 को भारत रक्षा दल ने यह निर्णय लिया कि इन लाशों का दाह संस्कार संगठन करेगा तब से अब तक 61 लावारिस लाशें आजमगढ़ में पाई गई जिनका दाह-संस्कार संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया।
वारिस बनना गर्व की बात
आजमगढ़ : भारत रक्षा दल के नगर अध्यक्ष डा. राजीव पांडेय, जिला कोआर्डिनेटर रणजीत सिंह, मंडल प्रभारी मो. अफजल का कहना है कि अपनों का अंतिम संस्कार तो सभी करते हैं लेकिन लावारिसों का वारिस बनना हमारे लिए गर्व की बात है।