रोजगार सेवकों को मिले राज्य कर्मचारी का दर्जा
आजमगढ़ : ग्राम रोजगार सेवक संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गुरुवार को कुंवर सिंह उद्यान में ग्राम रोजगार सेवक संघ ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। धरने के माध्यम से उपजिलाधिकारी सदर के माध्यम से छह सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सौंपा।
छह सूत्रीय मांगों में सपा मुखिया द्वारा विधानसभा चुनाव में किए गए वादे के मुताबिक रोजगार सेवकों को नियमित कर राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में की जाने वाली सहायक सचिव की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। रोजगार सेवकों से मनरेगा के अतिरिक्त जाब चार्ट में अन्य कार्य जोड़कर योगदान लेने के साथ ग्राम निधि प्रथम राज्य वित्त/तेरहवां वित्त आयोग की धनराशि से मानदेय भुगतान करने का शासनादेश जारी किया जाए। राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर से वित्तीय बजट का प्राविधान करते हुए पिछले 15-20 माह से लंबित बकाया मानदेय का अविलंब भुगतान कराया जाए। ग्राम पंचायत, विकास खंड, जनपद व राज्य मनरेगा प्रकोष्ट पर विभाजित प्रशासनिक मद व्यय हेतु अनुमन्य धनराशि की व्यवस्था को समाप्त कर राज्य स्तर पर सेंटर पोल बनाया जाए। धरने में जिलाध्यक्ष सच्चे लाल यादव ने कहा कि ग्राम रोजगार सेवकों से मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्य भी विकास विभाग द्वारा लिया जाता है लेकिन आज ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय बकाया होने के कारण वे भुखमरी के कगार पर हैं। धरने में शिवाश्रय यादव, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, राम प्रताप यादव, अनुभा, राम विनय यादव, विनोद, अशोक त्रिपाठी, दिलीप, नन्हें, सुभाष भारती, गिरधारी यादव, अजय गुप्ता, मनोज शर्मा, अरविंद चौधरी, रामअवतार, चंद्रशेखर, फकीर चंद, त्रिलोकी नाथ मौर्य, रुपेश कुमार आदि उपस्थित थे। धरने का संचालन शिवाश्रम यादव ने की।