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बीमार यूनानी अस्पताल कैसे करे उपचार

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 09:55 PM (IST)
बीमार यूनानी अस्पताल कैसे करे उपचार

अमिलो (आजमगढ़) : आमजन को स्वस्थ रखने व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा जहा करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं और जगह जगह नए-नए अस्पताल व संस्थान खोलकर लोगों के इलाज के उपाय किए जा रहे हैं वहीं विभागीय कर्मचारियों की निष्क्रियता एवं लापरवाही के कारण सरकार की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही हैं। कुछ तो जनता तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दे रही हैं। ऐसा ही कु छ नजारा मुबारकपुर में स्थापित एक यूनानी अस्पताल का है। मुबारकपुर कस्बे के कटरा, बवाली मोड़ बाजार में एक चार बेड का यूनानी अस्पताल है जो एक किराये के मकान में चलता है। उक्त अस्पताल की स्थापना 1993 में मुबारकपुर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की देखभाल के लिए किया गया था। अस्पताल भी ऐसे स्थान पर स्थापित है कि शायद ही कोई व्यक्ति उसे देखकर अस्पताल समझे।

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उक्त अस्पताल मकान के बेसमेंट में स्थापित है। बताया जाता है कि इस यूनानी अस्पताल में लगभग सभी प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है, जो महज एक खानापूर्ति है। वर्तमान समय में इस अस्पताल पर एक डाक्टर, एक वार्ड ब्वाय के अलावा एक स्वीपर भी तैनात है, परन्तु अस्पताल की हालत बद से बदतर है। जो बेड मरीजों के भर्ती के लिए बनाए गए हैं दरअसल वह अस्पताल के कोनों में और खूंटियों पर टंगे नजर आ रहे हैं। दवाओं का तो हाल राम जाने परन्तु अस्पताल पर तैनात डाक्टर पत्राचार और हस्ताक्षर में अव्वल प्रतीत होते हैं। उक्त अस्पताल पर तैनात डाक्टर शमसुद्दीन अंसारी अस्पताल में मौजूद नहीं थे जबकि वार्ड ब्वाय सो रहा था और स्वीपर खुद अपना इलाज कराने अन्य अस्पताल गया हुआ था।

इस संबंध में यूनानी चिकित्सक शमसुद्दीन अंसारी से पूछे जाने पर बताया कि मेरी ड्यूटी चुनाव में लगाई गई है। इसके कारण मैं अस्पताल पर नहीं हूं। अस्पताल पर मौजूद वार्ड ब्वाय दुर्गेश कुमार से मरीजों के बारे में पूछे जाने पर बताया कि 15 से 20 मरीजों का उपचार लगभग प्रत्येक दिन किया जाता है परंतु उन मरीजों का नाम पता पूछे जाने पर हीला-हवाली करते हुए रजिस्टर चिकित्सक के कब्जे में होना बताया। दवाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि आप खुद देख लीजिए क्योंकि इससे अधिक मुझे कोई जानकारी नहीं है। अस्पताल खुलने का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक का है, परन्तु ग्यारह बजे पहुंचने पर डाक्टर नदारद और वार्ड ब्वाय ने दो पुराने मरीजों शिवबचन व राजकुमार के आने की जानकारी दी।


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