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जिला पंचायत का 13 करोड़ का बजट पास

By Edited By: Published: Sat, 21 Apr 2012 06:36 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2012 06:36 PM (IST)
जिला पंचायत का 13 करोड़ का बजट पास

औरैया, रिपोर्टर : साल के पहले सत्र में जिला पंचायत का बजट शनिवार को जिला पंचायत सदस्यों की तुनकमिजाजी के बीच पास हो गया। वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए मूल आय व व्यय बजट 13 करोड़ 24 लाख 29 हजार 901 रुपये पटल से पास हो गया। वहीं वित्तीय वर्ष 2011-12 का पुनरीक्षित आय व्यय बजट जो 10 करोड़ 91 लाख 96 हजार 578 रुपये थे। उस पर भी सहमति बन गयी। कुल 6 प्रस्ताव पटल पर पास होने के लिए रखे गये। सभी में हल्की गरमाहट के बीच बहस में पास कर दिया गया। वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए मनरेगा का लेबर बजट 6880.80 लाख रुपये को भी स्वीकृत दे दी गयी।

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प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ जिला पंचायत की बैठक में भी माहौल बदला दिखाई पड़ा। सांसद प्रेमदास कठेरिया, बिधूना विधायक प्रमोद गुप्त एलएस, औरैया सदर विधायक मदन गौतम तथा जिला पंचायत अध्यक्ष मोहम्मद इरशाद के साथ बैठक शुरू हुई। सदस्यों ने विकास कार्यो को लेकर अपर मुख्य अधिकारी सुरेन्द्र वर्मा पर निशाना साधा। जिला पंचायत सदस्य मणि पालीवाल के पति रानू पालीवाल ने अपर मुख्य अधिकारी से उनके क्षेत्र के विकास कार्यो का लेखाजोखा मांगा। इस पर बताया गया कि प्रस्ताव जो भेजे गये थे उसमें इस्टीमेट साफ नहीं था। इस पर अन्य सदस्यों ने भी आपत्ति जतायी उनका कहना था कि कार्यो की सूची देने के बाद भी काम नहीं हो रहे हैं। अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2011 के लिए 67.15 लाख के विकास कार्यो के प्रस्ताव भेजे गये थे जिनमें 39.80 लाख के विकास कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। खाते में अभी 9 लाख 95 हजार रुपये ही आये है। डीडीओ दिवाकर त्रिपाठी ने जब कहा कि विकास कार्यो के लिए पैसा कम नहीं है इस पर भी

सदस्य भड़क उठे। जिला पंचायत सदस्य रचना सिंह ने एएमए से सदस्यों के विकास कराने की सूची मांगी इस पर अपर मुख्य अधिकारी ने उन्हें जानकारी दी लेकिन वह इस पर संतुष्ट नहीं हो पायी। इस मौके पर सीडीओ एमपी सिंह, भाग्यनगर ब्लाक प्रमुख विनय यादव, वित्तीय परामर्शदाता जिला पंचायत श्याम सिंह सहित जिला पंचायत सदस्य व अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

जिला पंचायत का मूल आय बजट

* शासकीय अनुदानों से आय-7 करोड़ 70 लाख

* निजी स्रोतों से आय

* मृत पशु शव निस्तारण 4 लाख 10 हजार

* सम्पत्ति एवं विभव कर-2 लाख 75 हजार

* लाइसेंस-10 लाख

* कांजी हाउस-250 रुपये

* सार्वजनिक नौका घाट-20 हजार

* हाट बाजार तथा दुकानें-59 लाख 80 हजार

* मेला एवं प्रदर्शनी - 60 हजार

* कृषि एवं तरू पालन - 1 लाख 10 हजार

* सम्पत्ति - 15 लाख

* प्रकीर्ण - 1 लाख 60 हजार 400 रुपये

* असाधारण तथा ऋण -23 लाख रुपये

* कुल 13 करोड़ 24 लाख 29 हजार 901 रुपये

* शासकीय अनुदान - 51 लाख 19 हजार 438 रुपये

* जिला निधि -33 लाख 68 हजार 213 रुपये

* पिछले वर्ष जो अनुदान व्यय नहीं हुए - 3 करोड़ 61 लाख 29 हजार 438 रुपये

* जिला निधि से अनुदान व्यय नहीं हुए - 74 लाख 84 हजार 813 रुपये।

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