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जांच को भेजे जाएंगे पकड़े गए मोबिल आयल के नमूने

जागरण संवाददाता, औरैया : अछल्दा थाना क्षेत्र के गांव रामपुर बोडेपुर में पकड़ी गई नकली मोबाइल बनाने की

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Jun 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Jun 2017 01:00 AM (IST)
जांच को भेजे जाएंगे पकड़े 
गए मोबिल आयल के नमूने
जांच को भेजे जाएंगे पकड़े गए मोबिल आयल के नमूने

जागरण संवाददाता, औरैया : अछल्दा थाना क्षेत्र के गांव रामपुर बोडेपुर में पकड़ी गई नकली मोबाइल बनाने की फैक्ट्री के मामले में पुलिस लीपा पोती करने में जुट गई है। अभी तक पुलिस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं कर सकी है। वाणिज्य कर विभाग की टीम ने पहुंच कर मामले की जांच की। अब पकड़े गए मोबिल आयल के नमूने को जांच के लिए भेजा जाएगा।

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रामपुर बोडेपुर में नकली मोबिल आयल बनाने का काम एक मकान में लंबे समय से चल रहा था। इस पर स्वाट टीम ने अछल्दा थाना पुलिस के साथ वहां गुरुवार को छापा मारा था। वहां बड़ी संख्या में डिब्बे व विभिन्न कंपनियों के रैपर के साथ 12 ड्रम मोबिल आयल मिला था। डिब्बे पैक करने की मशीन आदि मिली थी। पकड़े जाने के दौरान पुलिस ने नकली मोबिल आयल बनाए जाने का दावा किया था। लेकिन कुछ ही देर में नेताओं के दबाव में पूरा गेम पलट गया। अब पूरे मामले में पुलिस बैक फुट पर नजर आ रही है। उसका कहना है कि कोई गलत न फंस जाए, इसलिए मामले की जांच कराई जा रही है। शुक्रवार को वाणिज्य कर विभाग की टीम ने पहुंच कर फर्म से संबंधित जानकारी पकड़े व्यक्ति से की। लेकिन पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पुलिस ने छापे के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में लिया था। उसमें से एक व्यक्ति को नहीं छोड़ा है। बाकी सभी को थाने से ही छोड़ दिया गया है। थाना प्रभारी विष्णु गौतम ने बताया कि जो मोबिल आयल पकड़ा गया है। उसका नमूना जांच के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद पता चल सकेगा कि पकड़ा गया मोबिल आयल मिलावटी है कि नहीं। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। वाणिज्य कर विभाग की टीम ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी है।

नमूने की ही जांच करानी थी तो सब बरामद क्यों किया : यदि पुलिस को मोबिल आयल के नमूने की जांच कराने के बाद कार्रवाई करनी थी तो उसे इतनी बड़ी कार्रवाई करने की क्या जरूरत थी। नमूना तो वहीं फैक्ट्री से लेकर भी जांच को भेजा जा सकता था। इसके बाद फैक्ट्री को सील कर दिया जाता और जांच में नमूना फेल होने पर कार्रवाई संबंधित विभाग करता। इसके अलावा यदि मामला वाणिज्य कर से संबंधित था तो छापे के समय वहां वाणिज्य कर विभाग की टीम को साथ ले जाया जाता। वह मौके पर फर्म से संबंधित कागजातों को चेक कर कार्रवाई करती। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके चलते ही पुलिस की पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। साथ ही पूरे मामले को लेकर जनपद में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।


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