'मौत का कुआं' बना शास्त्रीनगर का तालाब
संवाद सहयोगी, अजीतमल (औरैया): नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल के मोहल्ला शास्त्रीनगर का तालाब चहारदीवारी न
संवाद सहयोगी, अजीतमल (औरैया): नगर पंचायत बाबरपुर-अजीतमल के मोहल्ला शास्त्रीनगर का तालाब चहारदीवारी न होने व गंदगी से पटा होने से मौत का कुआं बन गया है। इसका बजूद संकट में है। बीते वर्ष इस तालाब में डूब कर एक मासूम की मौत हो गई थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन ने न तो इसके चारों ओर चहारदीवारी बनाई न ही इसके सौंदर्यीकरण को कोई प्रयास किया।
बीते वर्ष दैनिक जागरण तलाश तालाबों का अभियान चलाया था। उस समय नगर पंचायत ने इसकी सफाई करवा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। तालाब के चारों ओर चहारदीवारी बनवाने की बजाए मिट्टी से मेड़बंदी कर जिम्मेदार अधिकारियों ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। इसके चारों ओर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा था। नगर पंचायत ने उनसे कब्जा हटाने का अनुरोध भी किया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि अब इस तालाब के दिन बहुर जाएंगे, लेकिन जागरण की मुहिम समाप्त होते ही नगर पंचायत व जिला प्रशासन ने इसे उपेक्षित कर दिया। कई मोहल्लों का गंदा पानी, कूड़ा करकट तालाब में फेंका जाने लगा। कुछ ही दिनों में तालाब का पानी गंदा हो गया। दुर्गंध से मोहल्ले के लोगों का जीना हराम हो गया। चहारदीवारी न होने से यह मासूमों की जान के लिए बड़ा खतरा बन गया है। बीते वर्ष मोहल्ले के करन बाल्मीकि का करीब पांच वर्षीय पुत्र इसमें डूब कर काल के गाल में समा गया था। इसके बावजूद प्रशासन अभी तक नहीं चेता है। शायद किसी बड़ी दुर्घटना के बाद जिम्मेदार लोगों की आंखें खुलेगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एसडीएम राजेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ तालाबों की पैमाइश हो गई है। कुछ की पैमाइश कराई जा रही है। इन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद सौंदर्यीकरण की रूपरेखा बनाई जाएगी।