लचर पुलिस ,बेलगाम अपराधी
जागरण संवाददाता, औरैया : कहने को भले ही खाकी के हाथ लंबे हों, लेकिन जिले में आलम यह है कि कई बड़ी घटन
जागरण संवाददाता, औरैया : कहने को भले ही खाकी के हाथ लंबे हों, लेकिन जिले में आलम यह है कि कई बड़ी घटनाओं में भी उसके ये हाथ अभी तक अपराधियों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाए हैं। अपराध के अभियोग पंजीकृत हुए। पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। वारदात को अंजाम देने वाले खुले घूम रहे हैं और पुलिस जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रही है।
24 नवंबर को फफूंद थाना क्षेत्र में दूल्हाराय पुरवा के निकट गमनामऊ निवासी आनंद के अपहरण और हत्या का मामला पुलिस की फर्द में सिमट कर रह गया है। घर के मुखिया की हत्या से अनाथ हुए परिजन आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे देखना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें टरका रही है। आनंद का परिवार बेहद सामान्य है। परिजनों का कहना है कि उनका कोई ऐसा सोर्स भी नहीं है जिसके जरिए वह पुलिस पर दबाव बना सकें। पुलिस की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि ठीक उसी स्थान पर दो दिन पहले फूल व्यवसायी दीपू सैनी को मरणासन्न कर बदमाशों ने नकदी लूट ली। आनंद के साथ हुई वारदात के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाए होते तो इस घटना को रोका जा सकता था। दिबियापुर कस्बा में करीब छह माह पहले एलआइसी कर्मी से नौ लाख की लूट का मामला भी अब तक अनसुलझा है। पुलिस को न तो रुपये बरामद करने में सफलता मिली है, न ही किसी आरोपी को अब तक दबोचा जा सका है। क्षेत्र के गांव लुहियापुर से गायब हुई लवी के परिजन करीब एक साल से इंतजार कर रहे है, लेकिन न तो अपहर्ताओं का सुराग लगा, न ही पुलिस किसी आरोपी तक पहुंच सकी। यह सभी मामले पुलिस के ठंडे बस्ते में चले गए हैं। दिबियापुर थाना क्षेत्र में बृजेंद्र शुक्ल की लूट के बाद हत्या का मामला भी किसी अंजाम पर नहीं पहुंच पाया है। यह मामले तो सिर्फ बानगी है। कई अन्य घटनाओं में भी पुलिस की ढिलाई अपराधियों के लिए वरदान बन गई। दुष्कर्म के जिन मामलों में परिजनों ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई, उनमें ही गिरफ्तारी हुई है। अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुए मामलों में पुलिस आरोपियों तक पहुंचने की कवायद ही नहीं कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सभी मामलों में विवेचना चल रही है, जल्द ही कार्रवाई होगी।