बैंकों में फिर खत्म हुआ कैश, ग्राहकों में मायूसी
फोटो:- 28 जेपीजी औरैया, जागरण संवाददाता : बैंकों में फिर कैश खत्म हो गया। लोग फिर भटकने को मजबूर ह
फोटो:- 28 जेपीजी
औरैया, जागरण संवाददाता : बैंकों में फिर कैश खत्म हो गया। लोग फिर भटकने को मजबूर हो गये। इधर उधर से रुपयों की जुगाड़ में लगे लोग यही कहते सुनाई दे रहे हैं कि बैंक में कैश नहीं है कुछ दिन काम चला दो बैंक से निकलते ही पैसा वापस कर देंगे। बैंकों के हालत कब सुधरेंगे लोग यही सोच रहे हैं। बैंकों में एक दिन कैश होता है तो दूसरे खत्म हो जाता है। ऐसे में ग्राहक बैंक की लाइन और बैंक के बीच फंसकर रह गया। जब तक ग्राहक काउंटर तक पहुंचता है तब कैश खत्म हो जाता है। ऐसे में ग्राहक सबसे ज्यादा मोदी सरकार को कोसता दिखाई देता है।
बुधवार को रुपये निकालने के लिए लोग सुबह से बैंकों के बाहर डट गये थे। लाइन भी काफी लंबी हो गई थी। कारपोरेशन बैंक और बैंक आफ इंडिया की लाइन तो सड़क तक आ पहुंची थी। ऐसे में बैंकें खुली तो बैंक के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया गया कि कैश न होने के कारण कैश वितरित नहीं किया जायेगा। लाइन में लगे लोगों के चेहरे उतर गये। लाइन से हटकर आपस में यही बातें करते चले जा रहे थे पता नहीं बैंकों में कब कैश उपलब्ध होगा। कल था आज नहीं है अब पता नहीं कब आयेगा। ज्यादातर बैंकों में स्थिति ऐसी ही रही। शहर के ज्यादातर एटीएम भी खाली रहे। किसी एटीएम में कैश उपलब्ध नहीं हुआ जिससे लोगों को भटकना पड़ा।
वहीं जनपद के कस्बा सहार में भी लोग बैंकों में कैश न होने की किल्लत से जूझते रहे। जनपद के बिधूना, दिबियापुर, फफूंद, एरवाकटरा, मुरादगंज सहित अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को कैश न होने के चलते खासी परेशानी उठानी पड़ी। सहार में तो लोग सुबह छह बजे से ही लाइन में लग गये थे। नोटबन्दी को आज 22 दिन पूरे हो गए। कस्बा सहार स्थित सेंट्रल बैंक, डाकघर की स्थित ज्यो-की त्यों है। न कैश की समुचित व्यवस्था और ना ही जनता की परेशानियो का निराकरण। कुछ भी ढर्रे पर नही आ पा रहा है जब कि केंद्र सरकार के द्वारा दावे किये जा रहे है की जल्द से-जल्द नए नोट की आवक बढ़ रही है। जनता का कहना है जब नोट आ रहे है तो जा कहां रहे है हमे तो वही दिक्कते है। मौसम भी जनता का साथ नही दे रहा है घने कोहरे के बावजूद सुबह 6 बजे से ही भीड़ इकट्ठा होना शुरू हो जाती है ।सब जानते है कि बैंक में अगर कैश होगा तो बनता ही जायेगा। बैंक मैनेजर चरण ¨सह अपने सभी साथियों सहित अच्छी से अच्छी सेवाएं देने की पूरी कोशिश कर रहे है। इधर ए टी एम की हालत ज्यादा नाजुक है। कभी कैश ही नही रहता जब भी भीड़ ज्यादा हो जाती।ए टी एम से पैसा निकलना ही बन्द हो जाता है। समाज के सभी वर्गो में सरकार के प्रति नाराजगी व्याप्त है।