बिना ¨चतन के किया गया कार्य देता है दुख
बाबरपुर (औरैया) संवाद सूत्र : बिना सोच समझ और ¨चतन के जो कार्य किया जाता है। वह हमेशा दुख देता है।
बाबरपुर (औरैया) संवाद सूत्र : बिना सोच समझ और ¨चतन के जो कार्य किया जाता है। वह हमेशा दुख देता है। इसलिए कोई भी कार्य करने से पहले उसकी अच्छाई और बुराई के बारे में जरूर सोचना चाहिए। यह बातें कल्ले के पुरवा लालपुर में चल रही श्रीमद भागवत कथा में आचार्य ने कहीं।
क्षेत्र के ग्राम कल्ले के पुरवा लालपुर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महापुराण ज्ञान यज्ञ सत्संग समारोह में सरस कथा वाचिका आचार्य अंजली शास्त्री ने कहा कि मनु सतरूपा के वंश में एक बार राजा शारयाद अपनी बेटी सुकन्या के साथ जंगल में चले गए। शारयाद थक कर लेट गए। सुकन्या वहीं पास में स्थित चमन ऋषि के आश्रम में पहुंच गई। वहां चमन ऋषि तपस्या में लीन थे। चीटियों के बांबी बना लेने से उनका पूरा शरीर ढका था। उनकी आंखें देख सुकन्या ने यह जानने की कोशिश की कि यह कौन सी वस्तु है। सुकन्या ने कांटा लेकर ऋषि की आंखों में छेद दिया। इससे वह नेत्रहीन हो गए। राजा ने यह बात जानकर प्रायश्चित के तौर पर चमन ऋषि के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया।