चंबल में उफान से बढ़ चलीं का¨लदी
औरैया, जागरण संवाददाता : यमुना मैया फिलहाल लोगों पर रहम करती नजर नहीं आ रही हैं। जलस्तर जस का तस बना
औरैया, जागरण संवाददाता : यमुना मैया फिलहाल लोगों पर रहम करती नजर नहीं आ रही हैं। जलस्तर जस का तस बना हुआ है। का¨लदी में पानी का स्तर खतरे से निशान से कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर ही ठहरा हुआ है। प्रशासन पूरे हालात पर नजर रखे है। यमुना पट्टी के गांवों में लगातार निरीक्षण कराया जा रहा है। एसडीएम का कहना है कि प्रशासन किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।
राजस्थान के राजीव सागर कोटा बैराज व इंदिरा सागर से चंबल में छोड़े गए पानी के चलते जनपद में यमुना पट्टी के गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। मंगलवार शाम जल स्तर 112.50 सेंटीमीटर तक पहुंच गया था। बता दें कि जालौन रोड स्थित शेरगढ़ पुल के निकट खतरे का निशान 113 मीटर पर निर्धारित किया गया है इस लिहाज से बाढ़ का खतरा महज 50 सेंटीमीटर दूर है। पुल के निकट तो पानी का प्रवाह कोठार में ही दिखाई पड़ रहा है, लेकिन आसपास के ग्रामीण इलाकों में पानी गांवों के किनारे तक पहुंच गया है। करीब चार दर्जन गांवों और मजरों में खेत जलमग्न नजर आ रहे हैं। खरीफ की तटीय फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। खास तौर से मूंग, उर्द, बाजरा, तिल व कछार में बोई गई सब्जी की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। अजीतमल क्षेत्र के गांव मई के चारों ओर अभी भी पानी भरा हुआ है। यहां लोगों को लाने ले जाने के लिए प्रशासन ने नाव की व्यवस्था की है। प्रशासन का दावा है कि बाढ़ से निपटने को पूरी मुस्तैदी रखी जा रही है। अधिकारी यमुना जल स्तर पर नजर रखे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि एक दो दिन में जल स्तर सामान्य हो जाएगा। इस संबंध में एसडीएम सदर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि शाम को जल स्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। जल स्तर 111 मीटर के आसपास पहुंच गया है। जलस्तर में आ रही गिरावट से ग्रामीणों में हल्की राहत महसूस की है।