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ग्रामीण क्षेत्रों में फैलने लगे संक्रामक रोग

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में अभी तक ज्यादा बारिश नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संक्

By Edited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 06:07 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 06:07 PM (IST)

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद में अभी तक ज्यादा बारिश नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोगों की दस्तक शुरू हो गई है। वहीं जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी व जलभराव के चलते यह समस्या ज्यादा हो रही है।

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जून व जुलाई माह में अभी तक जनपद में कुल 50 एमएम बारिश बमुश्किल हो पाई है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव व गंदगी का साम्राज्य दिखाई देने लगा है। बारिश के बाद निकली तेज धूप ने ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर दी है। गांव में स्थिति यह है कि हर गांव में एक दो आदमी बीमार दिखाई देने लगे हैं और बारिश नहीं होती तो बीमारों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना बनने लगी है। ब्लाक क्षेत्रों में खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर अचानक मरीजों में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं इसका असर जिला अस्पताल में भी दिखाई देता है। प्रति दिन एक सैकड़ा से अधिक मरीज संक्रामक रोगों से पीड़ित आते हैं। हालांकि समय रहते मरीजों के अस्पताल पहुंच जाने के कारण प्रभाव कम दिखाई देता है।

गंदगी व जलभराव बड़ी समस्या

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अरुण कुमार तिवारी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी व जगह -जगह जलभराव बीमारियों का कारण बन रहा है। उनका कहना था कि जलभराव न होने पाए तथा गंदगी की प्रति दिन सफाई हो जाए तो बीमारों की संख्या में कमी आ सकती है। ग्रामीणों से उनका कहना था कि पेयजल लेने वाले स्थान कुआं व हैंडपंप के आसपास जलभराव न होने दें तथा साफ -सफाई भी रखे। जिससे कीटाणु न फैल सके।

संक्रामक रोगों से निपटने को तैयार विभाग

बरसात बाद फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के लिए विभाग द्वारा पहले से ही तैयारियां कर ली जाती है। विभाग द्वारा संक्रामक रोगों से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष की स्थापना जिला अस्पताल में कर दी गई है। जिसमें 24 घंटे चिकित्सकों की तैनाती रहती है। वहीं दवाई आदि का इंतजाम भी नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहता है। चिकित्सकों का कहना है कि सूचना मिलते ही तुरंत संबंधित गांव में टीम को भेज दिया जाता है जिससे प्राथमिक स्तर पर ही इस पर रोक लगाई जा सके।

आशा व एएनएम को सौंपी जिम्मेदारी

ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोग फैलने की सूचना देने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा व एएनएम को सौंपी गई है। वहीं उन्हें यह निर्देश भी दिया गया है कि गांव में बीमार व्यक्ति को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाया जाए और अधिक लोगों के बीमार होने पर इसकी सूचना जिले के आला अधिकारियों की दी जाए। जिससे समय से टीम भेजकर उस पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

जिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनके मिश्रा का कहना है कि जून माह में भी संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष का गठन कर दिया गया था। जिसमें चिकित्सक के साथ -साथ पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती 24 घंटे के लिए की गई है। सूचना पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।


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