लघु अपराधों का जुर्माना बैंक में होगा जमा
औरैया,जागरण संवाददाता : उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 23 मई से 'शीघ्र न्याय उनके हार' की अद्भुत सरल योज
औरैया,जागरण संवाददाता : उच्च न्यायालय इलाहाबाद में 23 मई से 'शीघ्र न्याय उनके हार' की अद्भुत सरल योजना शुरू की है,जिसमें लघु अपराधों के मामले में लगने वाले अर्थदंड को व्यक्ति सीधे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में जमा कर कोर्ट-कचहरी आने की कवायद से बच सकेगा। स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में शनिवार 4.15 बजे इस महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ होगा।
यह योजना लघु प्रकृति के उन अपराधों के लिए बनाई गई है जिसमें कोर्ट से अर्थदंड की सजा दी जाती है। उदाहरण के लिए मोटर यान अधि.के चालान, आबकारी अधि, कांटा बांट अधि., पुलिस चालान आदि संबंधी मामलों में न्यायालय पक्षकार के जुर्म इकबाल करने पर अर्थदंड जमा कराके मुकदमा समाप्त कर देता है। लेकिन अभी तक इस कार्यवाही के लिए उसे न्यायालय आना पड़ता था तथा वकील या सीधे न्यायिक कर्मचारी के माध्यम का सहारा लेना पड़ता था। अब उच्च न्यायालय की इस लघु अपराधों में अर्थदंड जमा करने की सरल योजना से इस तरह के लघु अपराधों के निस्तारण हेतु प्रारूप सं.30 धारा 206 का विशेष समन पक्षकार को जाएगा। जिसमें पहले से ही जुर्म इकबाल की दशा में लगने वाले अर्थदंड की धनराशि लिखी होगी। अगर पक्षकार को उक्त अर्थदंड स्वीकार है तो वह समन के साथ संलग्न स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चालान को भरकर बैंक में अर्थदंड जमा कर मुकदमा समाप्त करा सकेगा। बैंक से चालान की एक प्रति कोर्ट में आएगी, जिसके आधार पर मुकदमा समाप्त कर दिया जाएगा। इस कार्यवाही से पक्षकार को न तो किसी वकील की जरूरत पड़ेगी और न ही उसे न्यायालय में उपस्थित होना पड़ेगा। कोर्ट मैनेजर विपिन कुमार सिन्हा ने बताया कि 23 मई को सायं 4.15 बजे इस सरल योजना का शुभारंभ स्टेट बैंक आफ इंडिया की मुख्य शाखा औरैया में होगा।