जुलाई से तैयार होने लगी थी बवाल की पृष्ठभूमि
बाबरपुर (औरैया) संवाद सूत्र : जनता महाविद्यालय अजीतमल में सोमवार को जो भी बवाल हुआ असल में उसकी जमीन जुलाई से तैयार हो रही थी। जहां एक ओर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्राचार्य को घेरे में लिए हुए थे तो वहीं दूसरी ओर बिजली, पानी व किताबों की समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं कई बार अवगत करा चुके थे, लेकिन उनकी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया। कालेज प्रशासन बराबर बजट न होने का रोना रोता रहा और पीठ पीछे इतनी बड़ी घटना की पृष्ठभूमि तैयार हो गई।
जनता महाविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि जब कालेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं हिंसक बन गए। नियमों को तार -तार कर दिया गया साथ ही इस बवाल में शिक्षा का महत्व भी कहीं न कहीं धूल धूसरित हुआ है। याद हो कि अभी दो दिन पहले कूटा के नेतृत्व में चल रहा शिक्षकों का धरना समाप्त हुआ है। शिक्षकों ने आरोप लगाया था कि विद्यालय में व्यवस्था नहीं है। प्राचार्य सुशील कुमार शर्मा ध्यान नहीं दे रहे। हालांकि शिक्षकों ने आगे की रणनीति तैयार करने के लिए धरना स्थगित कर दिया था। वहीं सोमवार को समस्या से आजिज आ चुके छात्र-छात्राओं ने कालेज के भीतर तोड़फोड़ कर कालेज प्रशासन को सीधी चुनौती दे डाली है।
महाविद्यालय बना छावनी : बवाल के बाद जनता महाविद्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर दंगा नियंत्रित वाहन बज्र भी खड़ा किया गया है साथ ही भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है।
विचार विमर्श कर होगी कार्रवाई : घटना क्रम के बाद कालेज के प्रशासन समिति भी हील गई है। प्रबंध समिति के मंत्री सुनील कुमार दुबे ने बताया कि तीन दिन बाद आवश्यक बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी मामलों की जानकारी के बाद प्राचार्य से बातचीत होगी। उसके बाद कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी। इस संबंध में कार्यवाहक प्राचार्य डा. अरविंद दुबे ने बताया कि उपद्रव के बारे में शासन -प्रशासन को अवगत करा दिया गया है। एक सैकड़ा छात्रों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई है। घटना को देखते हुए 23 व 24 सितंबर को शैक्षिक कार्य बंद रहेगा।