ड्रेस के लिए धन नहीं सिर्फ दिशा-निर्देश मिले
औरैया, जागरण संवाददाता : आठवीं तक के बच्चों को मुफ्त वितरित की जाने वाली ड्रेस के लिए अभी तक धनराशि नहीं मिली है। दिशा निर्देश जरूर आ गए हैं। कहा गया है कि एक लाख या उससे अधिक राशि की खरीदारी पर संबंधित विद्यालय को टेंडर निकालना होगा। जबकि इससे कम धनराशि पर कुटेशन लेकर खरीदारी की जा सकेगी।
शिक्षा सत्र शुरू हुए तकरीबन ढाई महीने बीत चुके हैं बावजूद इसके अभी तक बच्चों को ड्रेस मिलना तो दूर इसके लिए बजट तक आवंटित नहीं किया गया है। मुख्य सचिव के स्तर से दिशा निर्देश जरूर भेजे गए हैं। जिससे यह उम्मीद तो बंध गई है कि बच्चों में ड्रेसों का वितरण होगा, लेकिन कब तक बच्चों को ड्रेसें मिलेगी। उस पर अभी भी संशय बना हुआ है, फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है कि बच्चों को वितरित होने वाली ड्रेसों का रंग कैसा होगा। यह जरूर कहा गया है कि विद्यालय प्रबंध समितियों की बैठकें कराकर क्रय समितियां गठित करा ली जाए और स्थानीय टेलर से बच्चों की नाप भी करा ली जाए, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक बच्चों को ड्रेस कैसे मिलेगी। शुरुआत में कहा गया था कि दाखिला लेने के साथ ही बच्चों को पाठ्य पुस्तकें व ड्रेस उपलब्ध कराई जाएगी। पाठ्य पुस्तकें तो समय से आ गई और उनका वितरण भी हो गया, लेकिन ड्रेस के लिए अब तक कुछ नहीं हुआ है। सर्वशिक्षा अभियान के जिला समन्वयक नरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि कुल 72070 बालिकाएं, 28358 अनुसूचित वर्ग के बालक, 27171 बीपीएल परिवारों से जुड़े छात्र लाभार्थी के रूप में चिह्नित किए गए हैं जबकि 10870 गैर बीपीएल परिवारों के बालक भी लाभार्थियों की सूची में हैं। गैर बीपीएल बालकों को छोड़कर शेष को सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से ड्रेस दी जाती है। जबकि नॉन बीपीएल बालकों को बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से ड्रेस दी जाती है। जिला समन्वयक ने बताया कि आधे से अधिक स्कूलों में विद्यालय प्रबंध समितियों की बैठक हो चुकी हैं और क्रय समितियों का गठन भी कराया जा चुका है। बजट आते ही ड्रेस का वितरण शुरू कराया जाएगा।