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छात्र के हत्यारों को उम्रकैद

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 01:06 AM (IST)
छात्र के हत्यारों को उम्रकैद

औरैया, जागरण संवाददाता : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(कोर्ट नंबर 2) महफूज अली ने थाना दिबियापुर क्षेत्र के ग्राम देवराय का पुरवा निवासी राजा दोहरे व रविंद्र उर्फ सेठी को एक छात्र की गला घोंटकर हत्या करने के अपराध में आजीवन कारावास व 15-15 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया।

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अभियोजन के अनुसार उक्त ग्राम देवराय का पुरवा निवासी विजय सिंह ने 12 नवंबर 2009 को थाना दिबियापुर में रिपोर्ट लिखाई कि उसका कक्षा 10 में पढ़ने वाला पुत्र अभिषेक कुमार 11 नवंबर 2009 सुबह 5.30 बजे घर से ट्यूशन पढ़ने गया था, लेकिन वह वापस नहीं आया। खोजबीन के दौरान पुलिस ने अभिषेक के दोस्त छात्र कुलदीप से पूछताछ की तो उसने बताया कि अभिषेक की हत्या राजा दोहरे पुत्र तेज सिंह व रविंद्र उर्फ सेठी पुत्र कोमल प्रसाद निवासी देवराय का पुरवा ने करके उसे तालाब में सामान के साथ फेंक दिया। कुलदीप ने हत्या का कारण बताया कि अभिषेक ने रविंद्र उर्फ सेठी को स्कूल से साइकिल चुराते हुए देख लिया था तथा वह साइकिल चोरी वाली बात प्रधानाचार्य को बताने की धमकी देता था। इसी बात पर रविंद्र, अभिषेक से रंजिश मानता था व उसकी अभिषेक से कहा सुनी हो गई थी। 11 नवंबर 2009 को सुबह 10 बजे सेहुद मंदिर गेट पर अभिषेक था तभी रविंद्र वहां पहुंचा तथा साइकिल से कंप्रेशर बंबा ले गया। वहां गांव का राजा पुत्र सुखवासी मिला और कहा कि चलो मछली का शिकार करें और अभिषेक की साइकिल पर बैठ गए। यह लोग अभिषेक को गेल गांव के बगल स्थित पूर्वी दीवाल के किनारे से तालाब पर लाए। वहीं पर रविंद्र उर्फ सेठी ने उसके झोले को टांगने वाली पट्टी को खींचकर अलग कर दिया और अभिषेक के गले में जबरन फांसी लगाकर उसे मार दिया व लाश, झोला, साइकिल तालाब में फेंक दी। कुलदीप की निशानदेही पर पुलिस ने अभिषेक की लाश बरामद की। यह मुकदमा राजा दोहरे व रविंद्र के विरुद्ध धारा 302,201 का एडीजे कोर्ट-2 में चला। कुलदीप का मामला बाल न्यायालय में लंबित है। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी लालजी दोहरे ने छात्र के हत्यारों को कठोर सजा की बहस की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीजे महफूल अली ने दोनों अभियुक्त राजा दोहरे व रविंद्र उर्फ सेठी को धारा 302 में आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपए अर्थदंड व धारा 201 में तीन-तीन वर्ष का कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। सत्र लिपिक भूपेश कुमार व रिजवान खान ने बताया कि अर्थदंड अदा न करने में चार-चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का भी आदेश दिया गया।


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