सड़क पर दफ्तर, कैसे दिलाएंगे रोजगार
औरैया, जागरण संवाददाता : जिला सेवायोजन अधिकारी डेढ महीने से सड़क पर हैं उनके दफ्तर के कम्प्यूटर व अभिलेख स्टोर रूम में पड़े हैं। प्रशासनिक स्तर से उनके बैठने का कोई इंतजाम आज तक नहीं किया गया है। बताया गया कि जिला सेवायोजन अधिकारी ने किराए पर कार्यालय लेने के लिए उच्चाधिकारियों से परमीशन मांगी है।
पहले जिला सेवायोजन अधिकारी को दफ्तर के लिए विकास भवन में कक्ष संख्या आठ आवंटित किया गया था। तकरीबन डेढ़ महीने पहले मुख्य विकास अधिकारी ने यह कक्ष खाली करा दिया। बताया गया कि यह कक्ष मनरेगा के लोकपाल के लिए आरक्षित किया गया है। तब से लेकर आज तक जिला सेवायोजन अधिकारी को बैठने के लिए कोई कक्ष ही निर्धारित ही नहीं किया गया। समस्या यह है कि आखिर वह अपने दफ्तर के अभिलेख और कम्प्यूटर आदि कहां रखे। फिलहाल अभिलेख व कम्प्यूटर विकास भवन सभागार के स्टोर रूम में रखे हैं। जिससे दफ्तर का संचालन नहीं हो पा रहा है। सेवायोजन विभाग में अधिकारी के अलावा अन्य किसी लिपिक या कर्मचारी की तैनाती भी नहीं है। अधिकारी के बैठने का स्थान निर्धारित न होने से लोगों को भी जानकारी नहीं हो पाती है कि वह कहां मिलेंगे। विभागीय स्तर से लगने वाले रोजगार मेला समेत अन्य गतिविधियां भी प्रभावित हैं। जिला सेवायोजन अधिकारी पीपीसी शर्मा ने बताया कि कलेक्ट्रेट में कक्ष आवंटन के लिए आवेदन दिया है साथ ही किराए पर कार्यालय संचालन के लिए उच्चाधिकारियों से अनुमति भी मांगी गई है। फिलहाल दफ्तर का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है।
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डीएम बोलीं लापरवाह है अधिकारी
औरैया : जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने बताया कि कलेक्ट्रेट में एक कक्ष जिला सेवायोजन अधिकारी को दिया था, लेकिन वह उसमें बैठ ही नहीं रहे हैं। उन्हें नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। कहा कि वह काम करने में भी रुचि नहीं लेते। बिना अनुमति के मुख्यालय छोड़कर चले जाते हैं। स्पष्टीकरण मिलने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।