बच्ची की हत्या में दो को पकड़ा
दिबियापुर (औरैया) संवाद सूत्र : सात माह पहले थाना क्षेत्र के गांव बूढ़ादाना के अड्डा में छह साल की बच्ची का अपहरण कर गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने शव को तालाब में फेंक दिया था। शनिवार को पुलिस ने इस मामले के दो आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ पर मालूम चला कि बलि देने के प्रयास में विफल होने पर बच्ची के चाचा व उसके साथी ने घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
मालूम हो कि आठ नवम्बर 2013 को सुबह सात बजे अवधेश मल्लाह निवासी बूढ़ादाना अड्डा की छह साल की पुत्री सोनम खेतों पर गई थी। उसी दौरान उसका अपहरण हो गया था। मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई थी। पुलिस बच्ची को ढूंढी ही रही थी कि 11 नवम्बर 2013 को गांव की नदी में मछुवारों के जाल में सोनम का शव फंस गया। इस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। उस दौरान बालिका के शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे साथ ही गला दबाकर हत्या होने की बात सामने आई थी। परिजनों के शक के आधार पर पुलिस ने इस मामले में गांव के शंकर बाबा व अन्य लोगों से पूछताछ की थी, लेकिन कोई सुराग न मिलने से पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। सात माह बाद दिबियापुर थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह यादव ने चार्ज लेने के बाद इस घटना की विवेचना अपने हाथ में ली और तफ्तीश शुरू की। शनिवार को पुलिस ने शंकर बाबा पुत्र राम भरोसे व मृतका के चाचा जयप्रकाश पुत्र जगन्नाथ निवासी बूढ़ादाना का अड्डा को पकड़ लिया और पूछताछ की। मालूम चला कि इन दोनों लोगों ने सोनम का अपहरण करने के बाद उसकी बलि देने की कोशिश की। शोरगुल सुनकर बलि नहीं दी जा सकी। इस पर दोनों ने सोनम की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को तालाब में फेंक दिया। अपर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र राय ने बताया कि बलि देने का प्रयास विफल होने पर बच्ची की हत्या की गई। पकड़े गए आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
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बीमार पत्नी को ठीक कराने के लिए देनी थी बलि
दिबियापुर : तंत्र मंत्र की मानसिक बीमारी अभी भी समाज के पटल से नहीं हट रही है। सोनम की हत्या में भी यही तंत्र मंत्र कारगर हुआ। जय प्रकाश से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसकी पत्नी बीमार रहती थी, इस पर गांव के शंकर बाबा ने सलाह दी कि किसी बच्ची की बलि दे दी जाए तो उसकी पत्नी ठीक हो जाएगी। इसके बाद दोनों लोग एक बलि की तलाश में जुट गए। आठ नवम्बर को जब सोनम खेत पर जा रही थी तो इन दोनों शैतानों की आंखों में बलि देने का खून उतर आया। इसके बाद दोनों ने सोनम का मुंह दबाकर अपहरण कर लिया और एक जगह जाकर बलि देने का प्रयास करने लगे। सोनम के चीखने चिल्लाने पर दोनों को आभास हो गया कि ग्रामीण कहीं न आ जाए इस पर दोनों ने मासूम का गला दबाकर उसे मौत की नींद सुला दिया। बेहद शातिराना ढंग से शव को एक तालाब में फेंक दिया गया। दोनों को उम्मीद थी कि उनके कारनामे का खुलासा नहीं हो सकेगा, लेकिन पुलिस ने शंकर बाबा को अपनी शक की सुई पर पहले से ही ले रखा था। शनिवार को पुलिस ने शंकर बाबा को दबोचते ही पूरा कांड खोलकर रख दिया।