कलक्ट्रेट रहा सूना-सूना
अमरोहा। लोकसभा चुनाव की व्यवस्थाओं का केंद्र रहा कलक्ट्रेट शनिवार को सूना-सूना रहा। यहां रोज जैसी नीली बत्ती लगी न गाड़ियां दिखाई दी, न भीड़-भाड़।
सोलहवीं लोकसभा के लिए हुए मतदान में अमरोहा कलेक्ट्रेट रिमोट कंट्रोल की भूमिका में था। एक और जहां चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया कलेक्ट्रेट में हुई। वहीं चुनावी व्यवस्थाओं का बाकी कामकाज भी कलेक्ट्रेट से ही हुआ। इसी कारण पिछले दो माह से कलेक्ट्रेट में रोज भीड़ भाड़ व रौनक दिखाई पड़ती थी। चुनावी बैठकों में आने वाले अफसरों की नीली बत्ती वाली गाड़ियां कलेक्ट्रेट परिसर की रौनक बढ़ाए रहती थीं। वही राजनैतिक दलों के लोग अपने अपने कार्यो को कागजात लेकर घूमते रहते थी। मतदान डयूटी लगवाने व कटवाने के लिए भी लोग कलेक्ट्रेट के चक्कर काटते रहते थे। इस तरह तमाम कार्यो से कलेक्ट्रेट में रौनक ही रौनक रहती थी। दिन निकलने से देर रात तक आवाजाही बनी रहती थी। मतदान के बाद शनिवार को दूसरे सरकारी कार्यालयों के साथ कलेक्ट्रेट के आफिस भी खुले लेकिन पिछले एक-डेढ़ माह जैसी रौनक नहीं दिखीं। कलेक्ट्रेट सूनी, सूनी रही। यहां के कुछ अधिकारी अभी भी थकान नहीं उतर पाने के कारण आफिस में दिखाई नहीं दिए। वहीं कर्मी भी कम ही आए।