बच्चों से अपनत्व जता, बता रहे शिक्षा का महत्व
ॉअमेठी: प्राथमिक विद्यालयों से कक्षा छह में कक्षोन्नति करने वाले बच्चे कहीं शिक्षा की राह से भटक न ज
ॉअमेठी: प्राथमिक विद्यालयों से कक्षा छह में कक्षोन्नति करने वाले बच्चे कहीं शिक्षा की राह से भटक न जाएं। ऐसे में उनको सहेजने व शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संजय गांधी स्मारक विद्यालय जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाचार्य बच्चों के अभिभावकों से रूबरू हो रहे है। ऐसे अभिभावक जो सरकारी विद्यालयों से कतिपय कारणों से मुंह मोड़ कान्वेंट की राह देख रहे हैं। उन्हें सरकारी विद्यालय में बेहतर शिक्षा का अहसास दिलाकर बच्चों का दाखिला कराने पर जोर दे रहे हैं।
जिले के विकास खंड संग्रामपुर के मड़ौली में एक किसान के घर में जन्मे सुभाष चंद्र तिवारी ने शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्रदेश सरकार के कदम से कदम मिलाकर मुहिम छेड़ दी है। अभिभावकों को सरकारी विद्यालयों की ओर आकर्षित करने हेतु उन्हें अच्छी शिक्षा का विश्वास दिला रहे हैं। वह शिक्षा के उन्नयन को लेकर एक-एक अभिभावक से मिलकर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में शिक्षा का महत्व समझा रहे हैं। इसी क्रम में वे पास पड़ोस में स्थित प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से संपर्क कर कक्षा छह में कक्षोन्नति करने वाले छात्रों के नाम, पता व अभिभावक के नाम की सूची तैयार कर रहे हैं। प्रधानाचार्य सुभाष ने बताया कि उन्होंने अभी तक दर्जन भर विद्यालयों के 220 बच्चों को चिन्हित किया है। जो कक्षा छह में कक्षोन्नति करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दी जा रही निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ अन्य योजनाओं के विषय में अभिभावकों को जानकारी व जागरुकता के अभाव में वे सरकारी स्कूल में बच्चें का दाखिला नहीं करवाते हैं और वह शिक्षा की प्रमुख धारा से भटक जाते है। ऐसे में अभिभावक शिक्षा के महत्व पर जोर न देकर बच्चों को काम काज में लगा देते है। जो निरक्षरता को बढ़ावा देता है।
-घरों तक बनाई जा रही पहुंच
शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्राइमरी स्कूलों में तैनात शिक्षक गांव-गांव घूमकर बच्चों के घरों तक दस्तक दे रहे है। गौरीगंज के माडल स्कूल के सहायक अध्यापक राम सजीवन मिश्र, उच्च प्राथमिक विद्यालय बेहटा गरिमा यादव, जामों के वीना सिंह विद्यालय में शिक्षण कार्य के बाद वह गांव-गांव घूमकर ग्रामीणों से मिलकर बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की कमियों को अभिभावकों के समक्ष रखा जाता है।
-हर तीन किलो मीटर पर है विद्यालय
जिला चार तहसीलों व 13 ब्लाकों में बटा हुआ है। इन 13 ब्लाकों में 1337 प्राथमिक व 433 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे है। इसी तरह उच्च शिक्षा में देखा जाये तो 32 राजकीय विद्यालय, 25 अनुदानित व 155 वित्त विहीन विद्यालय पंजीकृत है। जिले की कुल जनसंख्या के सापेक्ष सरकारी विद्यालयों की संख्या तो पर्याप्त है पर बच्चों की संख्या कम है। जिसे बढ़ाने के लिए शिक्षक जिम्मा उठाएं।