अमेठी के लाल ने 50 देशों में दिखाई अपनी प्रतिभा
गौरीगंज, जागरण संवाददाता : 50 देशों में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर चुके अमेठी के लाल ने छात्र-छात्र
गौरीगंज, जागरण संवाददाता : 50 देशों में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेर चुके अमेठी के लाल ने छात्र-छात्राओं में गायन, वादन व नृत्य की कला को समाहित करने के लिए प्रयास शुरू किए हैं। पदम विभूषण बिरजू महराज के ममेरे भाई ने लोगों में कला का संचार भरने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उन्होंने चार करोड़ रुपये की लागत से विद्यालय की स्थापना जामों क्षेत्र में कराई है।
पदम विभूषण बिरजू महराज के ममेरे भाई अशोक त्रिपाठी, अमेठी के जामो स्थित ग्राम पूरे राघव राम पंडित में जन्मे हैं। बिरजू महराज के रिश्तेदार होने के कारण उनके संरक्षण में रहते हुए उन्हें भी कला के प्रति रुचि पैदा हो गई। वे पारंपरिक कथक, नटवरी, लोकनृत्य कला के खानदानी गुरु हैं।
1987 में अशोक त्रिपाठी ने सोवियत संघ के ताशकंद में अपना पहला कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने साइबेरिया, मास्को, ख्वारक्स, जर्मनी, फ्रांस, अमेरिक सहित 50 देशों में कार्यक्रम प्रस्तुत कर अमेठी का नाम रोशन किया है। अमेठी के छात्र-छात्राओं में पारंपरिक कला को समाहित करने के लिए उन्होंने चार करोड़ रुपये की लागत से जामो क्षेत्र में विद्यालय की स्थापना की है। जिसके संरक्षक पदम विभूषण पंडित बिरजू महराज हैं। अशोक त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय में उनके विद्यालय में 65 छात्र-छात्राएं कला का प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने कहा कि वे पूरे विश्व में अमेठी का नाम रोशन करने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे। साथ ही आगामी पांच सितंबर को श्रीकृष्ण चरित्र लीला का नृत्य प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा बड़ा गांव निकट रेलवे क्रासिंग के पास स्थित हनुमान मंदिर पर आयोजित किया जाएगा।