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प्रेम व सदभाव के पीर थे जायसी

जायस (अमेठी), संवादसूत्र: दैनिक जागरण की पहल रंग लाई। 497वें जन्म दिवस पर ही सही प्रेम के महाकवि को

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 04:42 PM (IST)
प्रेम व सदभाव के पीर थे जायसी

जायस (अमेठी), संवादसूत्र: दैनिक जागरण की पहल रंग लाई। 497वें जन्म दिवस पर ही सही प्रेम के महाकवि को अपने घर जायस में सम्मान के फूल नसीब हुए। जिलाधिकारी जगतराज के आदेश पर प्रशासन ने महाकवि के जन्मदिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया और जायसी की जन्म स्थली सहित पूरे शहर की साफ-सफाई कराई गई।

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हिंदी जगत के सुविख्यात कवि मलिक मोहम्मद जायसी के जन्म दिवस को लेकर दैनिक जागरण ने छह जुलाई के अंक में 'जायस में ही बेगाने जायसी' शीर्षक से प्रमुखता से विशेष खबर छापी थी। जिसको लेकर जिला प्रशासन चौकन्ना हुआ और आनन फानन जायसी का जन्म दिवस मनाने का आदेश डीएम ने तिलोई उपजिलाधिकारी को दिया। महाकवि जायसी के जन्म दिवस पर सोमवार नगर पालिका परिषद जायस के कार्यालय में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इससे पहले पिछले वर्ष भी जागरण की पहल पर ही मलिक मोहम्मद शोध संस्थान जायस में जायसी की जंयती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। नगर पालिका अध्यक्ष रामनारायन कनौजिया सहित अनेक बुद्धजीवियों ने प्रेम के पीर कवि जायसी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बुद्ध जीवियों ने जायसी जी के कृतियों पर प्रकाश डालते हुए कहाकि जायसी ने जिस प्रेम एवं भाई चारे का मार्ग अपने लेखनी में दर्शाया है। आज हम लोग उसको भूलते जा रहे हैं। उनके बताए हुए रास्ते पर चलना ही उनको सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। अध्यक्ष ने कहाकि विश्व विख्यात कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने अपने कृतियों में भाई चारा एवं सद्भाव का ही संदेश दिया है। जायसी जी के कृतियों से जायस का नाम पूरे राष्ट्र में जाना जाता है। आज हिंदी साहित्य में उनका बहुत बड़ा स्थान है। उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि उनके बताए हुए आपसी प्रेम और सदभाव पर अमल करना। पालिका अध्यक्ष ने कहाकि जायसी जी की लिखी किताबों से आज छात्र शोध कर रहा है और हिंदी साहित्य में उनका अलग मुकाम है। इस अवसर पर सभी सभासद सहित सादिक मेंहदी, विनोद कुमार, मैसर खां, वुलाकी लाल, रामसुमेर, गुडडू, इसरार अहमद, सफीक, राममोहन शुक्ला, मो. नसीम व औसाफ अंसारी मौजूद रहे।


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