नील गायों से बचाव की कवायद
भेटुआ, संवादसूत्र : फ सलों के नुकसान को झेल चुके किसान अब स्वयं ही अपने फ सलों की सुरक्षा व रखरखाव क
भेटुआ, संवादसूत्र : फ सलों के नुकसान को झेल चुके किसान अब स्वयं ही अपने फ सलों की सुरक्षा व रखरखाव के लिए कमर कस रहे हैं। किसानों ने अपने को हर ओर से पीड़ित ही बताया है।
क्षेत्र के किसानों को समस्याओं से लगातार जूझना ही पड़ रहा है। खरीफ फ सलों में नील गायों के आतंक से किसान पूरी तरह परेशान हो चुके थे। किसानों की भारी मात्रा में धान की फ सल नष्ट हो गई थी। जिससे सबक लेते हुए किसानों ने रबी फ सलों के शुरूआती दौर में ही किसान अपने खेतों के चारों ओर बांस बाधकर नील गायों छुट्टा जानवरों, जंगली सुअरों आदि से अपनी सुरक्षा कर रहे है। ज्यादातर किसान अभी भी नील गायों के आतंक के साए में है। किसानों का यह भी कहना है कि हम सभी को खाद, उर्वरक, पानी,बिजली का दंश तो झेलना ही पड़ता है साथ ही इन छुट्टा जानवरों का भी आतंक सहना पड़ता है। किसान, शिवराम मौर्य, जुगुलकिशोर, दीपक, संजय यादव,आदि ने वनविभाग से नीलगायों , जंगली सूअरों से फ सल सुरक्षा के लिए माग की है।