गांवों तक स्वच्छता पहुंचा करना होगा स्थिर
अंबेडकरनगर : जिले को खुले में शौचमुक्त बनाए जाने के लिए भारत सरकार की ओर से चयनित किए
अंबेडकरनगर : जिले को खुले में शौचमुक्त बनाए जाने के लिए भारत सरकार की ओर से चयनित किए जाने के बाद यहां ऐसी ही खास रणनीति तैयार हो चुकी है। यूनीसेफ के प्रशिक्षक शिवाकांत दुबे ने बताया कि स्वच्छता इसके इस मिशन को गांव तक पहुंचाने के बाद गांव में स्थिर करना होगा। ताकि गंदगी वापस नहीं लौटे। इसके लिए लगातार फालोअप करते हुए ग्रामीणों को स्वच्छता के बारे में परिचित कराकर जागरूक करना होगा। गांव के प्रत्येक निवासी को स्वच्छता की इस मुहिम से जोड़ने पर ही मिशन सफल होगा। जरूरत पड़ने पर प्रेरकों की टोली स्वच्छता को धता देने वालों को शर्मसार भी कराएगी। इसके तहत सुबह और शाम को शौच के लिए चिन्हित स्थानों पर यह टोलियां लोगों को पहले जागरूक और मनमानी करने वालों को शर्मशार करेंगी। खुले में शौचमुक्त जनपद की परिकल्पना को साकार करने के मकसद से लोहिया भवन में चल रही प्रशिक्षण कार्यशाला परवान चढ़ी। यहां से निकलने वाले प्रेरकों और अधिकारियों में मुहिम को सफल बनाने की ललक दिखाई दे रही थी। जिला पंचायतराज अधिकारी मयाशंकर मिश्र ने प्रेरकों और अधिकारियों से स्वच्छता अभियान को बोझ के बजाए महोत्सव की भांति प्रतिभाग करते हुए इसकी सफलता में अपनी व्यक्तिगत रुचि दिखाने की अपील की। कहा कि गंदगी जब एक व्यक्ति नहीं फैला रहा तो सफाई भी सबका साथ मिलने से ही संभव होगी। जरूरत है तो बस इसे जनमानस में इसके लाभ और हानि से परिचित कराना है। उन्होंने बताया कि शौचालय सिर्फ स्वच्छता ही नहीं समृद्धि का भी प्रतीक है। इससे निकलने वाली खाद आर्थिक मदद साबित होगी, इससे सभी को परिचित कराना होगा। स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए प्रशिक्षित 123 प्रेरकों को टीमों में बांट दिया गया है।