गरीबों को अपात्र बनाने का खुलेगा'खेल'
अंबेडकरनगर : प्रधानमंत्री आवास समेत अन्य योजनाओं का लाभ दिए जाने में पात्रों का चयन करने तथा
अंबेडकरनगर : प्रधानमंत्री आवास समेत अन्य योजनाओं का लाभ दिए जाने में पात्रों का चयन करने तथा अपात्र घोषित किए जाने की बारीकियों को तलाशने की विशेष पहल की जा रही है। ऐसे में अधिकारियों ने इसके लिए अधिकारी विपरीत दिशा से जांच की प्रक्रिया को गतिमान करने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि इससे गरीबों को अपात्र किए जाने तथा उपकृत करने वालों को लाभ देने के लिए हुए गड़बड़झाले से भी पर्दा उठेगा। लिहाजा अपात्रों का परीक्षण करने के लिए सीडीओ टीम गठित करेंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना समेत सीमित लक्ष्य के सापेक्ष पात्रों को चयनित करने में जिलेभर में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी किए जाने का मामला लगातार सामने आ रहा है। अगर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की बात करें तो वर्ष 2011 की आर्थिक सामाजिक जाति आधारित जनगणना को आधार बनाते हुए आवासहीन गरीबों का लाभ दिया जाना है। ऐसे में शासन स्तर पर पात्रों की वरियता सूची तैयार की गई है। ऐसे में उक्त वरियता सूची के तहत ही लाभ दिए जाने का मानक तय होने के नाते खिलवाड़ की गुंजाइशें काफी कम हो गईं। लिहाजा इसमें भी उपकृत करने वालों को लाभ देने का नया जुगाड़ तलाश लिया गया। सूत्रों के मुताबिक पात्र होने के बावजूद गरीबों को अपात्र घोषित कर वरियता सूची से इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और निचले स्तर पर वरियता वाले को उपर कर लाभ दिए जाने की जुगत तलाशी गई है। गत माह विभिन्न विकास खंडों से पहुंचे ग्रामीणों ने इसकी शिकायत सीडीओ से की। ऐसा ही हाल अन्य सरकारी योजनाओं को लक्ष्य के सापेक्ष लाभ दिए जाने में किया गया है। फिलहाल आवासीय तथा शौचालय योजना का लाभ देने को लेकर अपात्र घोषित किए गए गरीबों की जांच की जाएगी। सीडीओ ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए वरियता के साथ हुए खिलवाड़ की जांच करने का निर्णय लिया है। ऐसे में सत्यापन अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिए खामीं मिलने पर मुसीबत बढ़ सकती है। हालांकि वरियता टूटने के बाद वंचित हुए पात्रों को बाद में ही लाभ मिल सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी ओपी आर्य ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम गठित कर अपात्र बनाए जाने के मानकों की जांच कराई जाएगी। इसके आधार पर ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। बताया कि वरियता सूची में शामिल सभी आवासहीन गरीबों को आवास दिया जाना है।
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-वरीयता सूची से खिलवाड़ का मकसद-
अंबेडकरनगर : आवासीय योजना का लाभ दिए जाने में वरीयता के साथ खिलवाड़ किए जाने का मकसद भी साफ नजर आता है कि इससे लक्ष्य के मुताबिक पहली सूची में निचले पायदान के लोगों को लाभ पहुंचाना है। पात्रता सूची के मुताबिक शासन स्तर से बने वरीयता क्रम के आधार पर उपर दर्ज नाम वाले पात्र को पहले लाभ दिया जाना है। यह प्रक्रिया जिले तथा ब्लॉक को आवंटित लक्ष्य के मुताबिक ही पूरी की जाएगी। ऐसे में निचले स्तर के पात्र को लाभ दिए जाने के लिए जरूरी होगा की सत्यापन के दौरान उसके उपर दर्ज पात्र को पहले अपात्र घोषित कर वरीयता से सूची से हटाया जाए। इसके बाद ही निचले स्तर पर दर्ज पात्र को उपर उठाकर वरीयता सूची में स्थान दिया जा सकता है। लिहाजा पात्रों को बड़े पैमाने पर अपात्र दिखाकर उन्हें वरीयता सूची से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।